लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 7 मई को महाराष्ट्र में 11 सीटों पर चुनाव होंगे। पश्चिमी महाराष्ट्र से सात, कोंकण और मराठवाड़ा से दो-दो सीट न केवल राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि दोनों गठबंधनों की काफी पकड़ भी है। तीसरे चरण के मतदान के अंतर्गत बारामती, हटकनंगले, कोल्हापुर, लातूर, माधा, उस्मानाबाद, रायगढ़, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, सांगली, सतारा और सोलापुर शामिल हैं। उस्मानाबाद लोकसभा सीट परंपरागत रूप से पद्मसिंह पाटिल और पवनराजे निंबालकर सहित दो राजनीतिक प्रभुत्व वाले परिवारों के लिए युद्ध का मैदान है। अब दोनों परिवारों की दूसरी पीढ़ी आमने-सामने है।
शिवसेना (यूबीटी) ने मौजूदा सांसद ओमराजे निंबालकर को टिकट दिया है और एनसीपी ने पद्मसिंह पाटिल की बहू अर्चना पाटिल को टिकट दिया है। चुनाव से पहले अर्चना एनसीपी में शामिल हो गईं, जबकि उनके पति राणा जगजीत सिंह अभी भी बीजेपी के साथ हैं। भाजपा के लिए माधा और सोलापुर में दल-बदल और विपक्ष की स्थिति को देखते हुए यह एक कठिन मुकाबला बन गया है। उस्मानाबाद महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र का सातवां सबसे बड़ा शहर है। हालांकि अब इसे धाराशिव के नाम से जाना जाता है। राज्य सरकार ने जिले का नाम बदलकर धाराशिव कर दिया है, लेकिन निर्वाचन आयोग के रिकॉर्ड में लोकसभा क्षेत्र अभी भी अपने पुराने नाम उस्मानाबाद से जाना जाता है।
राजेनिम्बालकर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राकांपा के उम्मीदवार राणा जगजीत सिंह पाटिल को भारी मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी। शिवसेना (यूबीटी) नेता के अनुसार, वह लोगों की छोटी-छोटी समस्याओं को सुनकर उनका हल निकालते हैं, जिससे वह लोगों के प्रिय बन गए हैं। पहली बार चुनाव लड़ रहीं अर्चना पाटिल को महिला मतदाताओं पर भरोसा है कि वह उनके पक्ष में मतदान करेंगी। उन्होंने कहा, एक महिला यहां से 33 प्रतिशत आरक्षण के बिना चुनाव लड़ रही है और यह लोकसभा सीट देवी तुलजा भवानी का घर भी है।

बड़ा रोचक है महाराष्ट्र के उस्मानाबाद का चुनावी मुकाबला, चुनावी मैदान में उतरे ये दिग्गज नेता
ram