रेफर टू केयर व्हाट्सएप ग्रुप से मजबूत बन रहा जिले का रेफरल तंत्र

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धौलपुर। मातृ मृत्यु तथा नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने हेतु जिले में रेफेरल तंत्र को मजबूत बनाने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे है। इन्हीं प्रयासों की नई कड़ी के रूप में नवाचार करते हुए रेफर टू केयर व्हाट्स एप ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप का उद्देश्य उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिला के रेफरल केस की सूचना तत्काल उच्च संस्थान को सूचित करना है जिससे गर्भवती महिला के चिकित्सा संस्थान पर पहुंचने से पहले ही सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं का पूर्व के ही प्रबंध कर गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे को बचाया जा सके। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. धर्मसिंह मीणा ने बताया कि इस व्हाट्स एप ग्रुप में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल तक सभी डिलीवरी पॉइंट्स के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी जुड़े हुए है जो ग्रुप की सूचना से न केवल उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की स्थिति का पता करते है बल्कि अपने स्तर अनुसार आवश्यक प्रबन्धन के इलाज के लिए मुस्तैद रहते है। जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शिव कुमार शर्मा ने बताया कि इस व्हाट्स एप ग्रुप से जिले भर की सभी उच्च जोखिम पूर्ण गर्भवती महिलाओं की सूचना का आदान प्रदान की गुणवत्तापूर्ण उपचार सुविधा दी जा रही है। हाल ही में इसकी बानगी जिला सामान्य चिकित्सालय बाड़ी में देखने को मिली जहां प्रसव कक्ष मे एक प्रसूता की अपने पहले बच्चे के जन्म के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। ड्यूटी चिकित्सक डॉ. सुनील कुमार मीणा के अनुसार प्रसूता को डिलीवरी के बाद पेलविक हीमाटोमा हो गया। अधिक रक्तस्राव के कारण प्रसूता को जिला अस्पताल धौलपुर के लिए रेफर करना आवश्यक था। इसकी सूचना वहां के ड्यूटी नर्सिंग स्टॉफ ने ग्रुप में साझा की। जिला स्तर से उच्च अधिकारी ने उस सूचना को तत्काल संज्ञान में लिया और जिला अस्पताल के प्रसव कक्ष इंचार्ज ज्योति रावत को अलर्ट रहने और केस को पहुंचने से पहले सभी तैयारियां रखने के लिए पाबंद किया। प्रसव कक्ष इंचार्ज ज्योति रावत ने तत्परता दिखाते हुए केस के पहुंचते ही उसका सफल इलाज किया गया, जिससे महिला की जान बचाई गई। प्रसूता को 4 मई को डिस्चार्ज कर दिया गया।
डॉ. शर्मा ने बताया कि जिले के सभी उच्च प्रसव भार वाले संस्थान को निर्देशित किया गया है कि इस ग्रुप मे सभी केस जो लेबर रूम से रेफेर किये जाते है उसकी सूचना ग्रुप में डाले। मनिया, बाड़ी, बसेड़ी, सरमथुरा आदि चिकित्सा संस्थानों से अनेको केस के रेफेरल की सूचना इस ग्रुप मे साझा कि गयी जिससे सही समय पर सफल इलाज कर प्रसूताओं कि जान बचाई गयी। इस नवाचार के लिए जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रवीण अवस्थी तथा युएनएफपीए जिला समन्वयक रिपुंजय कुमार का विशेष योगदान रहा।

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