धौलपुर। पोषण सिर्फ थाली तक सीमित नहीं, वह सोच है, संस्कार है, समाज की सेहत है। इस विचार को मूर्त रूप देते हुए नगर परिषद ऑडिटोरियम में मंगलवार को पोषण पखवाड़ा 2025 का समापन समारोह आयोजित हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी ने महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजरों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को ’सरकारी सेवा की पहली पंक्ति’ करार दिया। उन्होंने कहा, गांव के सबसे पहले स्पर्श से लेकर पहले निवाले तक, बच्चे का मार्गदर्शन करने वाली आप ही होती हैं। आपकी सेवा नौकरी नहीं, नवजीवन को दिशा देने वाली तपस्या है।
उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि हर आंगनबाड़ी सहायिका को हितधारक नव प्रसूताओं, धात्री व गर्भवती महिलाओं से सतत संवाद में रहना चाहिए, ताकि सही समय पर सही पोषण पहुंच सके और शिशु स्वस्थ बचपन की ओर बढ़ सके। जपाइगो संस्था के सहयोग से हो रहे प्रशिक्षणों की भी सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहल ग्रामीण स्तर पर पोषण व्यवस्था को और प्रभावशाली बनाएगी।
रंगों में पोषण का संदेश
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा “उत्तम पोषण थीम“ पर ऑन स्पॉट रंगोली प्रतियोगिता, जिसमें भाग लेने वाली महिलाओं ने रंगों और साबुत अनाजों, दलहनों, सूखे मेवों एवं फल सब्जियों का प्रयोग करते हुए रचनात्मकता से पोषण के संदेशों को ज़मीन पर सजीव कर दिया। सर्वश्रेष्ठ दो प्रतिभागियों को जिला कलक्टर द्वारा सम्मानित किया गया।
प्रेरणास्रोत बनीं कर्मठ महिलाएँ
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक धीरेन्द्र सिंह ने भी उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए विभाग की योजनाओं और लक्ष्यों की जानकारी दी। पोषण क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मियों को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर परियोजना निदेशक धौलपुर भूपेश गर्ग, बाड़ी के परियोजना निदेशक अर्पित श्रीवास्तव, सैंपऊ के अवनीश कुमार और बसेड़ी के रत्नेश यादव सहित अन्य विभागीय अधिकारी एवं बड़ी संख्या में सुपरवाइजर, कार्यकर्ता, सहायिका मौजूद रहे।

धौलपुर में पोषण पखवाड़ा समापन समारोह ने गढ़ी उम्मीदों की रंगोली
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