जयगढ़ किले में आयोजित फेस्टिवल में दिखेंगे कला, संगीत और संस्कृति के खूबसूरत रंग

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जयपुर। वेदांता द्वारा प्रस्तुत जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल 27 दिसंबर, 2024 से शुरू होने जा रहा है, जो 29 दिसंबर, 2024 तक चलेगा। जयपुर की समृद्ध परंपराओं, भव्य वास्तुकला और राजस्थान की जीवंत कला एवं संस्कृति का यह एक विशिष्ट उत्सव होगा।वेदांता के #ArtInEveryHeart (आर्ट इन एवरी हार्ट) दृष्टिकोण के तहत, यह तीन दिवसीय फेस्टिवल इतिहास, संगीत और समुदाय के माध्यम से एक यादगार यात्रा का अवसर प्रदान करेगा, जिसका आयोजन राजस्थान के सबसे पुराने मध्यकालीन स्मारकों में से एक, जयगढ़ किले में किया जाएगा।

तीन दिनों के इस फेस्टिवल में, उपस्थित लोग राजस्थान की कला धरोहर को सम्मानित करने वाले लोक और शास्त्रीय प्रदर्शन का आनंद ले सकेंगे। यह आयोजन वेदांता और जयपुर के शाही परिवार के सहयोग से किया जा रहा है, जिसमें जयपुर के महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह और प्रिया अग्रवाल हेब्बर, हिंदुस्तान ज़िंक लिमिटेड की चेयरपर्सन एवं वेदांता की नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, इस सांस्कृतिक पहल के प्रमुख प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं। साथ मिलकर, उनका लक्ष्य राजस्थान की अद्वितीय धरोहर को दुनिया भर में प्रमुखता से पेश करना और इसकी सांस्कृतिक जीवंतता को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देना है।

इस वर्ष के खास अनुभवों में 10 प्रमुख आकर्षण शामिल हैं: जयगढ़ किले की भव्यता को निहारने का मौका। नंद घर अनुभव केंद्र, समावेशी विकास का उत्सव। कौशल विकास पर आधारित वर्कशॉप्स, जैसे- ब्लॉक प्रिंटिंग, दीया पेंटिंग, कठपुतली और खरताल बजाना। फेस्टिवल में शामिल लोग इन वर्कशॉप्स में सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगे। दाइची और उपाया: महिलाओं का उद्यमिता के माध्यम से सशक्तिकरण। उपायाः उच्च गुणवत्ता वाले हस्तनिर्मित परिधान।

दाइची: राजस्थान के पारंपरिक तेल, अचार, मसाले और अन्य उत्पाद। पारंपरिक छाछ बनाने के लिए प्रदर्शनी। उथोरी द्वारा स्ट्रीट प्ले: लैंगिक समानता की ओर एक कदम। रूमा देवी का दृष्टिकोण: शिल्पकला में नयापन। जीजी बाई पहल के साथ मिलेट का जादू। मारू सागर डेयरी उत्पाद: ग्रामीण किसानों का सशक्तिकरण। भोपा भोपी लोक कला: गाने वाली कहानियाँ। टाको द्वारा जैविक दीए: एक स्थायी रौशनी।

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