नई दिल्ली। स्विट्जरलैंड ने आखिरकार भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौते को मंजूरी देने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इससे व्यापार बाधाएं कम होंगी और स्विट्जरलैंड से निर्यात के लिए भारतीय बाजार काफी हद तक खुल जाएगा। भारत में स्विट्जरलैंड की राजदूत माया तिस्साफी ने स्विट्जरलैंड द्वारा इस व्यापार समझौते को मंजूरी को भारत के साथ अपने देश के द्विपक्षीय संबंधों में एक ‘मील का पत्थर’ बताया। राजदूत ने पीटीआई-को बताया कि व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (टीईपीए) अक्टूबर में लागू होने की उम्मीद है। इस व्यापार समझौते के तहत, आयरलैंड, लिशटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड जैसे ईएफटीए देश अगले 15 वर्षों में भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहे हैं। आयरलैंड, लिशटेंस्टीन और नॉर्वे पहले ही इस व्यापार समझौते को मंजूरी दे चुके हैं। मार्च में, चार देशों के इस यूरोपीय समूह ने लगभग 16 वर्षों की बातचीत के बाद भारत के साथ टीईपीए पर हस्ताक्षर किए। तिस्साफी ने शुक्रवार को कहा, “कल आधी रात (स्विस समयानुसार) को, ईएफटीए-भारत टीईपीए के लिए जनमत संग्रह की समय सीमा आधिकारिक रूप से समाप्त हो गई। जनमत संग्रह न होने के कारण, स्विस जनता ने इस समझौते पर अपनी मौन स्वीकृति व्यक्त कर दी है।” स्विट्जरलैंड द्वारा व्यापार समझौते को मंजूरी स्विस काउंसिल ऑफ स्टेट्स से स्वीकृत होने के सात महीने से अधिक समय मिली।
स्विट्जरलैंड ने भारत-ईएफटीए व्यापार समझौते को मंजूरी दी, अक्टूबर में लागू होने की उम्मीद
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