जयपुर। नेट-थियेट कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज सुरंगी बाईसा कार्यक्रम में कलाकार खुशी कथक और भावना कत्थक ने अपनी प्रस्तुति की रस गंगा से दर्शकों को आनंदित किय।नेट-थियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि कलाकार खुशी कथक और भावना कथक ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत राम भजन कर मन मन रे मन तू राम भजन कर मन भजन से की।इसके बाद उन्होंने भजन कान्हा कान्हा कब से पुकारू हरदम तेरी राह निहारु और शिव शंकर भोले भले भले हैं सब भक्तों के रखवाले हैं को बड़े ही सरीले अंदाज में सुना कर दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया ।उसके बाद उन्होंने सालोना सा सजन है ओर मैं, जिया में एक आंगन है और मैं हूं को बड़े ही मनोयोग से गाकर अपनी गायिकी का परिचय दिया ।
इसके बाद तुमने घनश्याम अधीनों को जो तारा होगा और कोई कहियो रे हरि आवन की भजन प्रस्तुत किया।अंत में भजन हरि तुम हरो जन की पीर की प्रस्तुति से दर्शकों को रिझाया और अंत में फागुन माह की होली की बिंदादीन महाराज की एक रचना *देखो होली के खिलिया बन बन आए, मुख श्याम मले मुखरोरी तारी देते हैं गाए*सुन कर माहौल को फागुनी कर दिया ।इनके साथ तबले पर धीरज चौहान ने अपनी उंगलियों का जादू दिखा कर इस सुरमयी संध्या को ऊंचाइयां दी । हारमोनियम पर सांवरमल कथक ने शानदार संगत करते हुए विक्रम में चार चांद लगा दिए ।कार्यक्रम संयोजक नवल डांगी,प्रकाश एवं कैमरा मनोज स्वामी, संगीत विनोद सागर गढवाल ने किया। मंच सज्जा अंकित शर्मा नोनू एवं जीवितेश शर्मा की रही।



