नई दिल्ली। राजस्थान के फलोदी और तेलंगाना के बीजापुर हाइवे पर हाल ही में हुए भीषण सड़क हादसों ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इन हादसों में कई मासूम लोगों की जान चली गई, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने खुद इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए राजस्थान और तेलंगाना सरकार से दो हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भी आदेश दिया है कि वे दोनों हाईवे का पूरा सर्वे करें और दो हफ्तों में अपनी रिपोर्ट जमा करें।
कोर्ट ने खास तौर पर यह भी पूछा है कि इन हाइवे के किनारे कितने ढाबे बने हुए हैं और क्या इन ढाबों के पास ट्रक या अन्य वाहनों की अनियमित पार्किंग होती है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन सड़कों की हालत काफी खराब बताई जा रही है और यही वजह है कि ऐसे हादसे बार-बार हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सड़क की स्थिति और सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया, तो ऐसे हादसे आगे भी होते रहेंगे। गौरतलब है कि फलोदी वाला हादसा 2 नवंबर को हुआ था, जब जोधपुर से बीकानेर तीर्थयात्रा से लौट रहे लोगों का टेंपो ट्रैवलर भरतमाला हाईवे पर एक ढाबे के सामने खड़े ट्रक से टकरा गया। इस दर्दनाक हादसे में करीब 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। टेंपो में महिलाएं और बच्चे भी सवार थे। वहीं, तेलंगाना के बीजापुर हाइवे पर 3 नवंबर को हुए हादसे में लगभग 20 लोगों की जान चली गई। इन दोनों मामलों पर सुनवाई जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच ने की। कोर्ट ने इन हादसों की गंभीरता को देखते हुए एक एमिकस क्यूरी (न्यायालय का मित्र) भी नियुक्त किया है, जो अदालत की मदद करेगा।

फलोदी और तेलंगाना हादसों पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, सरकार से दो हफ्ते में मांगी रिपोर्ट
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