सुमेरपुर : नगरपालिका बोर्ड भंग व्यवस्थाओं हेतु लगाया प्रशासक, फिर भी प्रवेश द्वार एवं साइन बोर्ड पर पूर्व अध्यक्ष का नाम अंकित

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सुमेरपुर। नगरपालिका सुमेरपुर में पालिका बोर्ड भंग हुए लगभग 07 माह का समय व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी जनप्रतिनिधी को कुर्सी,और पद का मोह अभी तक नहीं टूटा है। ऐसा ही नजारा सुमेरपुर पालिका क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। शहर के प्रवेश द्वार एवं अन्य स्थानों पर लगे विभिन्न साइन बोर्डों पर अभी भी पूर्व पालिका अध्यक्ष का नाम अंकित है,जोकि आमजन को भ्रमित करता है। आपको बता दें कि पालिका का बोर्ड भंग हो चुका है,और राज्य सरकार ने प्रशासक भी लगाया गया है, उसके बावजूद भी विभिन्न बोडो पर अध्यक्ष के साथ पति का नाम बड़े अक्षरों में लिखा हुआ है,जो पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। आज भी पति के सहित उषा कंवर अनोपसिंह राठौड़ का नाम अंकित है। जो यह नगरपालिका की उदासीनता एवं लापरवाही के साथ नियमों को ताक में रखकर अपने आपको दर्शाता है । साथ ही पति का नाम साथ में लिखना पालिका धन का अपव्यय एवं दुरुपयोग भी माना जाता हैं। इस संबंध में उक्त नाम लिखवाने वाले कार्मिक के विरुद्ध भी करवाई की जानी चाहिए क्योंकि चुनाव जीतने के बाद उपखण्ड कार्यालय सुमेरपुर द्वारा जारी घोषणा पत्र एवं पालिका मोहर में भी जनप्रतिधि का ही नाम अंकित होता हैं न कि उनके पति का।
कार्यालय से हटाया अध्यक्ष का नाम- गौरतलब है कि पालिका बोर्ड भंग होने के बाद कार्यालय से पालिका अध्यक्ष का नाम हटाकर प्रशासक का नाम भले ही लिखवाया हो, लेकिन राज्य सरकार के आदेशों की ध्वजियां उड़ाई जा रही है। बड़े मजे की बात है कि मुख्य द्वार एवं बड़े बड़े साइन बोडो पर अध्यक्ष के साथ अपने पति का नाम अंकित है,जो प्रशासन पर कई सवाल उठ रहे हैं। इससे प्रतीत होता है कि या तो पालिका प्रशासन इससे अनजान है,या जानबूझकर लगे बोर्ड से अंकित नाम को नहीं हटाया जा रहा है ।
नियमों के विपरित अध्यक्ष का नाम दर्शाता- यदि नगरपालिका बोर्ड भंग हो गया है, तो बोर्ड पर अध्यक्ष का नाम अंकित होना कानूनी रूप से सही नहीं है। भंग होने का मतलब है कि बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो गया है और अब वह आधिकारिक तौर पर काम नहीं कर रहा है। इसलिए,भंग बोर्ड पर किसी अध्यक्ष का नाम प्रदर्शित करना उचित नहीं है।
भंग का मतलब- जब किसी नगरपालिका बोर्ड को भंग किया जाता है,तो इसका मतलब है कि उसका कार्यकाल समाप्त हो गया है और वह अब कानूनी रूप से मौजूद नहीं है।
अध्यक्ष का पद- नगरपालिका बोर्ड का एक पद है,और जब बोर्ड भंग हो जाता है, तो अध्यक्ष का पद भी समाप्त हो जाता है।
कानूनी स्थिति- भंग बोर्ड पर अध्यक्ष का नाम प्रदर्शित करना एक कानूनी गलती है,क्योंकि यह दर्शाता है कि बोर्ड अभी भी काम कर रहा है,जो कि सही नहीं है। यदि नगरपालिका बोर्ड भंग हो गया है,तो बोर्ड से अध्यक्ष का नाम हटाना चाहिए।

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