वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणाओं के बाद सोमवार सुबह दुनियाभर के शेयर बाजार में उतार चढ़ाव देखने को मिला। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कई देशों के शेयर बाजार धड़ाम हो गए। हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज सोमवार को 13.22% की गिरावट के साथ बंद हुआ, जो 1997 के एशियाई वित्तीय संकट के बाद से एक दिन में सबसे खराब गिरावट है। सोमवार की सुबह शेयर बाजार खुलने के साथ ही जर्मन डीएएक्स सूचकांक में लगभग 10% की गिरावट आई, लेकिन कारोबार जारी रहने के साथ इसमें थोड़ा सुधार हुआ और यह 7% के आसपास लाल निशान पर आ गया।
आखिर आर्थिक जगत में उथल-पुथल की शुरुआत कैसे हुए।2 अप्रैल को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोस्तों और दुश्मनों दोनों के खिलाफ कई नए टैरिफ लगाने की घोषणा की। इनमें अमेरिका में लगभग सभी आयातों पर 10% का बेसलाइन टैक्स और उन देशों पर कस्टम ‘रेसिप्रोक्ल टैरिफ’ शामिल था, जिन्हें ट्रम्प अमेरिका के साथ अनुचित व्यापार नीतियों का पालन करने वाला मानते हैं। रेसिप्रोकल/पारस्परिक टैरिफ का मतलब है कि देशों पर वही शुल्क लगाया जाएगा जो वे अमेरिका पर लगाते हैं।
इसमें यूरोपीय संघ के खिलाफ 20% टैरिफ और चीनी उत्पादों पर 34% टैरिफ (पहले के 20% टैरिफ के अलावा, यानी कुल मिलाकर 54 फीसदी) शामिल हैं। सबसे ज्यादा 50% टैरिफ छोटे दक्षिणी अफ़्रीकी देश लेसोथो पर लगाया गया।टैरिफ से छूट वाले देशों की सूची में रूस और बेलारूस शामिल हैं, लेकिन यूक्रेन नहीं। बेसलाइन 10% टैरिफ शनिवार (5 अप्रैल) को लागू हुए, जबकि कस्टम ‘रेसिप्रोक्ल टैरिफ’ बुधवार (9 अप्रैल) से शुरू होने वाले हैं। प्रभावित देशों इससे मुकाबले के लिए बहुत कम समय मिलेगा। टैरिफ ने पहले ही दुनिया भर के शेयर बाजारों को गिरा दिया, जिनमें से कुछ ने वैश्विक कोविड महामारी के बाद से सबसे खराब नुकसान देखा।