साउथ अफ्रीकी टीम में बार-बार बदलावों से परेशान स्टेन, चयन में स्थिरता की मांग

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नई दिल्ली। साउथ अफ्रीका को भारत के खिलाफ तीसरे टी20 मैच में 7 विकेट से शिकस्त झेलनी पड़ी। इसी के साथ मेहमान टीम 5 मुकाबलों की सीरीज में 1-2 से पिछड़ गई है। साउथ अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने साउथ अफ्रीका के प्रदर्शन को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि प्रोटियाज को सिलेक्शन में स्थिरता की जरूरत है, क्योंकि बार-बार बदलाव टीम के प्रदर्शन पर असर डाल रहा है। रविवार को धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में मेहमान टीम 117 रन पर ऑलआउट हो गई। आसान लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने 15.5 ओवरों में जीत दर्ज कर ली। जियोस्टार से बात करते हुए डेल स्टेन ने एडन मार्करम की कप्तानी वाली टीम के लगातार खराब प्रदर्शन पर चिंता जताते हुए कहा, “साउथ अफ्रीका जिस संयोजन को आजमाने की कोशिश कर रहा है, वह हर मैच में कभी भी एक जैसा नहीं होता। मुझे यकीन नहीं है कि वे असल में क्या खोज रहे हैं। इससे बल्लेबाजों में असुरक्षा पैदा होती है क्योंकि उन्हें नहीं पता होता कि वे कहां बैटिंग कर रहे हैं या उनकी भूमिका क्या है।”
भारत के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में डेविड मिलर ने डोनोवन फरेरा के साथ पांचवें विकेट के लिए 23 गेंदों में 53 रन की अटूट साझेदारी करते हुए मेहमान टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन अगले ही मुकाबले में उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया।
डेल स्टेन ने कहा, “डेविड मिलर ने पिछले मैच में शानदार बल्लेबाजी करके डोनोवन फरेरा के साथ मिलकर साउथ अफ्रीका को 200 से ज्यादा रन तक पहुंचाया था, और फिर इस तरह के मैच में, एक ऐसे मैदान पर जहां मिलर ने सबसे ज्यादा खेला है, वह बेंच पर बैठे हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि साउथ अफ्रीका क्या करने की कोशिश कर रहा है।”
उन्होने कहा, “अगर वे कह रहे हैं कि वे सिर्फ प्रयोग कर रहे हैं, तो ऐसा लगता है कि उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि वे सीरीज जीतते हैं, या नहीं। सिलेक्शन में स्थिरता होनी चाहिए। समय के साथ लगातार बदलाव टीम के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करना बहुत मुश्किल बना देते हैं।”
तीसरे टी20 मैच में जसप्रीत बुमराह निजी कारण की वजह से नहीं खेल सके। ऐसे में हर्षित राणा को मौका मिला और उन्होंने 2 विकेट हासिल करते हुए सभी को प्रभावित किया है।
स्टेन ने राणा की तारीफ करते हुए कहा, “जो बात मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित करती है, वह यह है कि हर्षित राणा गेंद अपने हाथ में लेना चाहते हैं। उन्होंने सीरीज के शुरुआती दोनों मैच नहीं खेले। इस मैच में उन्हें मौका मिला, उन्होंने पूरी जान लगाकर तेज गेंदबाजी की। आप शायद ही कभी किसी कप्तान को ओपनिंग बॉलर से लगातार तीन ओवर करवाते हुए देखेंगे, लेकिन दोनों ओपनिंग गेंदबाजों ने ऐसा किया।
उन्होंने कहा, “यह दिखाता है कि हर्षित राणा सच में इस टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं। उन्होंने मौके को दोनों हाथों से भुनाया है। उन्होंने अपनी काबिलियत के हिसाब से गेंदबाजी की, बिल्कुल वैसे ही जैसे वह चाहता थे। आप उनकी लगन देख सकते हैं। किसी खिलाड़ी को अपने मौके का पूरा फायदा उठाते देखना बहुत अच्छा लगता है।”

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