स्टारलिंक की भारत में धमाकेदार एंट्री, क्या अब बिना नेटवर्क के भी होगी कॉलिंग, चलेगा इंटरनेट

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नई दिल्ली। दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने की अंतिम नियामक मंजूरी मिल गई है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से ये दावा किया कि अंतरिक्ष नियामक एजेंसी इन-स्पेस ने हरी झंडी दे दी है। स्टारलिंक तीसरी कंपनी है, जिसे भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस ऑपरेट करने का लाइसेंस मिला है। इससे पहले ईयूटेलसेट वनवेब और रिलायंस जियो को मंजूरी मिली थी। यह सेवा मंजूरी आठ अप्रैल से पांच साल की अवधि के लिए या जनरेशन 1 समूह के परिचालन जीवन की समाप्ति तक, जो भी पहले हो, के लिए वैध है।

स्टारलिंक जेन1 कॉन्स्टेलेशन
सेवाओं का क्रियान्वयन निर्धारित नियामकीय प्रावधानों और संबंधित सरकारी विभागों से अपेक्षित मंजूरी, अनुमोदन और लाइसेंस के अधीन है। स्टारलिंक जेन1 कॉन्स्टेलेशन एक वैश्विक मंडल है जिसमें 4,408 उपग्रह 540 किलोमीटर से 570 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी का चक्कर लगा रहे हैं। यह भारत में लगभग 600 गीगावाट प्रति सेंकंड ‘जीबीपीएस’ की क्षमता प्रदान करने में सक्षम है। स्टारलिंक 2022 से ही वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने के लिए भारतीय बाजार पर नजर गड़ाए हुए थी।

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