उदयपुर। राजस्थान के रिटायर्ड पीसीसीएफ और वरिष्ठ पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. डीएन पाण्डे ने कहा है कि जैव विविधता से समृद्ध राजस्थान के लिए अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट हमारे सुखद भविष्य की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस पर राज्य सरकार भी संवेदनशील है और प्रकृति और प्राकृतिक तंत्रों के संरक्षण की बड़ी शुरूआत है। प्रोजेक्ट में पौधरोपण के साथ हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता इकोसिस्टम को बचाने की हो ताकि और बदतर स्थितियां पैदा न होने पाए।
डाॅ. पाण्डे उदयपुर के अरण्य भवन सभागार में ग्रीन पीपल सोसायटी और वन विभाग राजस्थान के तत्वाधान में आयोजित हुई अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट और नेचुरल क्लाइमेट सॉल्यूशन पर हुई विशेष कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से इस प्रोजेक्ट के विविध बिंदुओं के साथ-साथ राजस्थान की अन्य राज्यों की तुलना में स्थिति, दक्षिण राजस्थान की समृद्ध जैव विविधता, इस जैव विविधता को बचाने के लिए चुनौतियां और हमारे दायित्वों के बारे में चर्चा की। इसके साथ ही नेचुरल क्लाइमेट सॉल्यूशन पर मौजूद विशेषज्ञों के साथ विचार-मंथन किया। उन्होंने इस संपूर्ण कार्य में सरकार के साथ-साथ राजस्थान के हर एक व्यक्ति का दायित्व होने की बात भी कही। उन्होंने बताया कि देश के 6.6 लाख गांवों में 15 लाख से अधिक तालाब हैं जो हमारे इको सिस्टम को जीवनदान दे रहे हैं। उन्होंने नेचुरल क्लाइमेट सोल्युशन की दृष्टि से इन जल स्रोतों के संरक्षण की आवश्यकता भी प्रतिपादित की।
आरंभ में ग्रीन पीपल सोसाइटी के अध्यक्ष एवं रिटायर्ड सीसीएफ राहुल भटनागर ने मुख्य वक्ता डाॅ. पांडे का स्वागत किया और सोसायटी द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इस मौके पर सोसायटी उपाध्यक्ष व रिटायर्ड आईएएस विक्रमसिंह सहित सोसायटी सदस्य और संभागियों ने विविध विषयों पर विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन सचिव व रिटायर्ड एसीएफ डाॅ. सतीश कुमार शर्मा ने किया जबकि आभार प्रदर्शन की रस्म शरद वास्तव ने अदा की।