स्पीकर देवनानी ने विधान सभा समितियों की समीक्षा की

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-समितियों की बैठकों और परीक्षणों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता : विधानसभा अध्यक्ष

-पहली बार सभापतियों के साथ समितियों को सक्रिय करने पर चर्चा

जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान विधानसभा की समितियां कार्यपालिका के कार्यकलापों पर निगरानी के अपने दायित्वों का निर्वहन दलगत राजनीतिक आधार से ऊपर उठकर करती है। समिति व्यवस्था में उत्तरदायित्व की अवधारणा पुष्ट होती है और विधान सभा के प्रत्येक सदस्य की सहभागिता भी सुनिश्चित होती है। उन्होंने कहा कि इन समितियों को सक्रिय करने के साथ-साथ बैठकों और परीक्षणों की संख्या बढाये जाने की आवश्यकता है। समितियों द्वारा अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाये और प्रकरणों का विस्तार से परीक्षण किया जायें।

पहली बार समितियों में सभापतियों की हुई बैठक-

विधान सभा अध्यक्ष देवनानी ने शुक्रवार को राजस्थान विधान सभा की समितियों के सभापतियों के साथ बैठक की। विधान सभा की समितियों की समीक्षा बैठक पहली बार हुई है। स्पीकर देवनानी ने कहा कि इन समितियों का लोकतांत्रिक व्यवस्था में विशिष्ट महत्व होता है। यह समितियां एक प्रकार से चैक पोस्ट की भांति कार्य करती है तथा पारदर्शिता के साथ स्वच्छ प्रशासन भी सुनिश्चित करती है।

समितियां लघु सदन-

देवनानी ने कहा कि विधान सभा की समितियों के कार्य निष्पादन को अधिक वस्तुपरक और उ‌द्देश्यपूर्ण बनाने की जरूरत है। सरकारी नीतियों को प्रभावित करने की बात काफी हद तक इन समितियों के सभापति और सदस्यों की पहल पर निर्भर होती है। उन्होंने सभापतियों से कहां कि वे समिति की बैठकों के लिये लक्ष्योन्मुखी कार्यसूची बनाये। देवनानी का मानना था कि विधानसभा की यह समितियां विधान सभा और जनता के मध्य कड़ी का काम करती है। उन्होंने कहा कि समितियां लघु सदन होती है। देवनानी ने बैठक में उपस्थित समितियों के सभापतियों से समितियों में किये गये कार्य की जानकारी ली। सभापतियों ने अपनी-अपनी समितियों की बैठकों, परीक्षणों और आगामी बैठकों में किये जाने वाले कार्यों को विस्तार से बताया।

परीक्षणों में नहीं आने वाले अधिकारियों की जानकारी दें-

अध्यक्ष देवनानी ने उपस्थित सभापतियों से समितियों को सक्रिय करने के लिये सुझाव मांगे। देवनानी ने कहां कि राज्य सरकार की अनेक जनहितकारी योजनाएं चल रही है। इनका धरातल पर हो रहे लाभों का विश्लेषण भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी परीक्षण में नहीं आ रहे है, उनकी जानकारी राज्य सरकार और विधानसभा को आवश्यक रूप से दे। अधिकांश बैठकें 31 दिसम्बर तक कर ली जाये। समितियों को प्रकरणों का निस्तारण शीघ्र किये जाने की आवश्यकता है।

समितियों की बैठकों में सदस्यों की उपस्थिति का अनुरोध-

स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि समितियों की बैठकों में संबंधित सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक है। देवनानी ने विधान सभा सदस्यों से अनुरोध किया है कि सदस्य उनसे संबंधित समितियों की बैठकों में आवश्यचक रूप से सम्मलित होकर समिति के कार्य में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाये।

सभापतियों के साथ बैठक द्वैमासिक होगी-

शुक्रवार को समितियों के सभापतियों की पहले चरण की बैठक में स्पीकर देवनानी ने दस समितियों के सभापितयों को आमंत्रित किया। निकट भविष्य में अन्य समितियों के सभापतियों के साथ भी स्पीकर देवनानी चर्चा करेंगे। देवनानी ने बताया कि वे सभापतियों के साथ ऐसी बैठकें द्वैमासिंक की जायेंगी।

समितियों की बैठके गोपनीय-

देवनानी ने कहा कि समितियों की बैठकें गोपनीय होती है। समितियों के कार्यों के नियमों का पालन किया जाना भी आवश्यक है। समितियों में किये गये प्रकरणों के निस्तारण पर जानकारी का खुलासा पब्लिकली नहीं किया जाना चाहिए। बैठक में राजकीय उपक्रम समिति के सभापति कालीचरण सर्राफ, अधिनस्थ विधान समिति की सभापति अनिता भदेल, अल्पसंख्यक कल्याण समिति के सभापति पब्बाराम विश्नोई, गृह समिति के सभापति प्रताप सिंह सिंघवी, प्रश्न एवं संदर्भ समिति के सभापति संदीप शर्मा, पिछडे वर्ग के कल्याण संबंधी समिति के सभापति केसाराम चौधरी, महिला एवं बालकों के कल्याण संबंधी समिति के सभापति शोभा चौहान और विशेषाधिकार समिति के सभापति पुष्पेन्द्र सिंह मौजूद थे। प्रमुख सचिव महावीर प्रसाद शर्मा भी बैठक में उपस्थित थे।

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