टोंक। जिले में आपराधिक गतिविधियों एवं अपराधियों पर अंकुश लगाने एवं निगरानी रखने के उद्देश्य को लेकर बनाई गई जिला पुलिस स्पेशल टीम की कार्यप्रणाली एवं अनियमितताएं पाए जाने के उपरांत रविवार को पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने आदेश जारी कर स्पेशल टीम (डीएसटी) के प्रभारी उप-निरीक्षक हरिमन मीणा सहित पूरी दस सदस्यों की टीम को कार्यमुक्त करते हुए लाइन हाजिर कर दिए जाने से पुलिस महकमे में हडक़ंप सा मच गया । जिले में साल 2019 में बनाई गई इस टीम को हटाने के पीछे डीएसटी टीम प्रभारी हरिमन मीणा सहित दस अन्य पुलिसकर्मी के विरूद्व विभागीय जांच लंबित होना बताया जाकर लाईन हाजिर किया गया है। गौरतलब है कि हटाई गई स्पेशल टीम में प्रभारी एसआई से लेकर कांस्टेबल तक के पुलिसकर्मी शामिल है। संपूर्ण मामले की जांच वृत्ताधिकारी निवाई मृत्युंजय मिश्रा द्वारा की जाएगी । यहां यह उल्लेखनीय है कि जिला स्पेशल टीम में बरसों से पद स्थापित पुलिसकर्मियों को रिवीव करने की ओर हुक्मनामा समाचार द्वारा निवर्तमान पुलिस अधीक्षक संजीव नेन का ध्यान आकर्षित किया गया था। मामले की जांच कर रहे अधिकारी मिश्रा को इस ओर ध्यान दिया जाए कि जिला विशेष टीम के सदस्यों में से कितनों ने कहां-कहां जमीन जायदाद, मकान खरीदे है। बहरहाल पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान का यह कदम बहुत ऐतिहासिक सिद्ध होगा जिले में, क्यों कि कितने ही एसपी आकर चले गए, लेकिन जिला विशेष टीम के सदस्यों की मिलने वाली शिकायतों पर ध्यान देने की जोहमत नहीं उठाई। बहरहाल अब पुलिस अधीक्षक को चाहिए कि अब जिला विशेष टीम में ईमानदार व्यक्तित्व के पुलिस अधिकारी कर्मचारियों का चयन सोच समझकर करें, जिससे जिला विशेष टीम गठन का वास्तविक मकसद हासिल किया जा सके।
एसपी ने किया जिला स्पेशल टीम प्रभारी सहित संपूर्ण टीम को लाइन हाजिर
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