रमजान के महीने से पहले उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्थित एक मदरसे में जुमे की नमाज के दौरान आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए विस्फोट में प्रमुख मौलाना सहित छह नमाजियों की मौत हो गई जबकि 18 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।मुख्य सचिव शहाब अली शाह ने पुष्टि की है कि विस्फोट में जमीयत उलेमा इस्लाम (जेयूआई) के प्रमुख एवं नौशेरा जिले के अकोरा खट्टक शहर स्थित मदरसा-ए-हक्कानिया के कार्यवाहक हमीदुल हक हक्कानी की मौत हो गई।हमीदुल हक का जन्म 1968 में हुआ था और उनके पिता मौलाना समी उल हक की मौत हो जाने के बाद उन्हें जेयूआई (सामी समूह) का प्रमुख बनाया गया था। खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) जुल्फिकार हमीद ने बताया कि पुलिस को संदेह है कि इस हमले को आत्मघाती बम हमलावर के जरिए अंजाम दिया गया और हमीदुल हक ही निशाने पर थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने हमीदुल हक को छह सुरक्षा गार्ड मुहैया कराए थे।’’ आईजीपी ने बताया कि अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। हमीदुल हक के जनाजे की नमाज शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे अकोरा खट्टक में अदा की जाएगी।नौशेरा के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) अब्दुर रशीद ने बताया कि मदरसे में जुमे की नमाज अदा करने के दौरान यह विस्फोट हुआ। दारुल उलूम हक्कानिया मदरसा सुन्नी इस्लाम के हनफी देवबंदी विचार का प्रचार करता है और मौलाना अब्दुल हक ने भारत के दारुल उलूम देवबंद मदरसे की तर्ज पर ही उक्त मदरसे की स्थापना की थी।इस मदरसे की शिक्षण पद्धति की विषय-वस्तु के कारण इसे ‘‘जिहाद का विश्वविद्यालय’’ कहा जाता है। तालिबान के पूर्व प्रमुख अख्तर मंसूर सहित आतंकी संगठन के कई प्रमुख सदस्यों ने इस मदरसे में पढ़ाई की है।