अखाड़ा परिषद ने मांग की है कि महाकुंभ मेले में गैर हिंदुओं को खानपान की दुकानें आवंटित नहीं की जायें। दरअसल साधु-संतों का कहना है कि कुंभ में ‘थूक लगाने की नीति अपनाने वाले गिरोह’ का कोई भी सामान नहीं बिकना चाहिए। अखाड़ा परिषद की इस मांग के विरोध में कुछ राजनीतिक दल भी खड़े हो गये हैं जिसके चलते विवाद बढ़ गया है। मेला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मेले में दुकानें निविदा प्रक्रिया से ही आवंटित होंगी। हम आपको बता दें कि प्रयागराज में लगने वाले कुम्भ और महाकुंभ मेले में हमेशा से दुकानें निविदा प्रक्रिया से आवंटित होती रही हैं जिसमें किसी वर्ग विशेष को दुकानें आवंटित करने पर रोक नहीं है। हालांकि, खाने-पीने की वस्तुओं में गंदगी मिलाए जाने का पिछले दिनों कई वीडियो वायरल होने के बाद से अखाड़ा परिषद गैर सनातनियों को खानपान की दुकानें आवंटित करने का विरोध कर रहा है। दुकानों के मुद्दे पर कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा है कि जो दुकानें आवंटित होती हैं, वह निविदा प्रक्रिया से होती हैं। दुकानें निविदा प्रक्रिया के अनुसार ही आवंटित होंगी। यह बड़ा मेला है जहां दुनियाभर से लोग आएंगे.. हम इसी प्रक्रिया से दुकानें आवंटित करेंगे। वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि हमारा विरोध किसी वर्ग विशेष से नहीं है। उन्होंने कहा कि हाल ही में खाने में थूक, पेशाब आदि मिलाकर परोसे जाने का वीडियो सामने आने के बाद हमारी मांग है कि जूस की दुकान, खानपान की दुकान, ढाबा आदि गैर सनातनियों को ना दी जाएं। उन्होंने कहा, “इस मेले में देशभर से साधु संत, तपस्वी आते हैं और गैर सनातनी लोग खाने पीने की चीजों में गंदगी मिलाकर उनका धर्म भ्रष्ट कर सकते हैं। इसलिए हमारी मांग है कि खानपान की दुकानें केवल सनातनियों को ही आवंटित की जाएं।”

महाकुंभ मेले में गैर हिंदुओं को दुकानें नहीं दी जाएं
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