बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार को गिरे हुए लगभग तीन महीने हो चुके हैं। लेकिन आज भी वहां के हालात कमोबेश वैसे ही हैं। पहले कट्टरपंथियों ने देशभर में बवाल किया। उसके बाद बीएमपी के हजारों कार्यकर्ताओं ने देश की राजधानी में रैली निकाली और नए सिरे से चुनाव कराने व त्वरित सुधारों की मांग की। शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग अंतरिम सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में है। देखा जाए तो बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही हलचल मची हुई है। ढाका में तो आवामी लीग के कार्यकर्ताओं व समर्थकों पर पुलिस ने सख्ती भी बरती है। बांग्लादेश की सेना ने उनके प्रदर्शन से पहले सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया है। आवामी लीग के कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए बांग्लादेश की सेना-पुलिस स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कई इलाकों में बड़ा जमावड़ा किया हुआ है। बीएनपी और जमात ने घोषणा की है कि वो आवामी लीग को प्रदर्शन की अनुमति नहीं देंगे। ढाका पुलिस ने उन्हें विरोध रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं दी है। देशभर में सेना की 191 टुकड़ियां तैनात की गई है। वहीं इस बीच सरकार के विभिन्न हलकों ने चेतावनी भी दी है कि आवामी लीग को विरोध मार्च आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अवामी लीग को फासीवादी करार देते हुए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा कि वह अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी को नियोजित रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं देगी।

Trump के जीतते ही शेख हसीना का बड़ा दांव
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