राजस्थान सरकार की संवेदनशील पहल : पालनहार योजना से संवर रहा है वंचित बच्चों का भविष्य

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-9 हजार 952 पालनहारों को मिला 11 करोड़ 94 लाख रूपये से अधिक का लाभ

बालोतरा, 12 अप्रैल। राजस्थान सरकार की पालनहार योजना निराश्रित एवं वंचित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। जिला परिवीक्षा एवं समाज कल्याण अधिकारी महेंद्र सिंह ने बताया कि योजना अन्तर्गत पेंशन की पात्र विधवा माता के बच्चे, विशेष योग्यजन माता/पिता के बच्चे सिलिकोसिस पीड़ित माता/पिता के बच्चे, एचआईवी एड्स से पीड़ित माता/पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता/पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता/पिता के बच्चे, आजीवन कारावास अथवा मृत्यु दंड से दंडित माता/पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता/परित्यकत्ता महिला के बच्चे, 10 विशेष श्रेणियों में 0 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को 750 रुपये तथा 7 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को 1500 रुपये प्रतिमाह अनुदान राशि तथा अनाथ बच्चों की श्रेणी में 0 से 18 वर्ष आयु के बच्चो को 2500 रूपये प्रतिमाह की राशि से लाभान्वित किया जाता है। साथ ही कपड़े, जूते, मौजे व पुस्तकों के लिए वर्ष में एक बार 2 हजार रूपए का एकमुश्त अनुदान का भी प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में जिले में कुल 9 हजार 952 पालनहारों 11 करोड़ 94 लाख रूपये से अधिक का लाभ प्रदान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में संचालित पालनहार योजना वंचित वर्ग के बच्चों के लिए आशा की किरण बनकर उभरी है। यह योजना उन परिवारों को संबल देती है जो कठिन परिस्थितियों में अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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