उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस राजनीतिक सक्रियता से काम कर रहे हैं उसको देखकर उत्तर प्रदेश भाजपा ही नहीं बल्कि पार्टी के केंद्रीय नेता भी हैरान हैं। हम आपको बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के कुछ साथियों के साथ बैठक कर उन्हें इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए कुछ जिम्मेदारियां सौंपी थीं। उसके बाद से मुख्यमंत्री रोजाना इन मंत्रियों के साथ संवाद कर उपचुनाव वाली सीटों की जमीनी स्थिति का आकलन कर रहे हैं।
दरअसल हाल के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा को जो नुकसान उठाना पड़ा उसके चलते मोदी सरकार स्पष्ट बहुमत से पीछे रह गयी और राज्य में योगी आदित्यनाथ की विजेता वाली छवि भी प्रभावित हुई। इसके अलावा, योगी को इस बात की भी चिंता है कि लोकसभा चुनाव परिणामों ने अन्य राज्यों में उनकी छवि को भी प्रभावित किया है। हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को देखते हुए अन्य राज्यों की जनता अक्सर योगी जैसे मुख्यमंत्री की मांग करती है। योगी आदित्यनाथ की बुलडोजर नीति का अनुसरण कई राज्यों के मुख्यमंत्री कर रहे हैं।
योगी जब भी किसी अन्य राज्य में जाते हैं तो उनका अक्सर बुलडोजरों से स्वागत किया जाता है। लेकिन लोकसभा चुनावों में यूपी में भाजपा को जो नुकसान उठाना पड़ा इस सबसे स्वयं योगी की छवि भी प्रभावित हुई है। इसलिए मुख्यमंत्री एकदम एक्शन में आ गये हैं और हर हालत में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को जीतना चाहते हैं। योगी की आतुरता इस मायने में भी अनोखी है कि चुनावों की तैयारी उन्होंने अपनी पार्टी से पहले ही शुरू कर दी। योगी ने जब अपने मंत्रियों के बीच उपचुनाव वाली सीटों की जिम्मेदारी बांटी तो उसके बाद भाजपा की प्रदेश इकाई ने भी बैठक कर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियां तय कर दीं ताकि चुनावों में जीत हासिल हो सके।