नयी दिल्ली । पूंजी बाजार नियामक सेबी ने देश में ऋण बाजार को और विकसित करने के लिए म्यूचुअल फंडों को निवेश उत्पाद क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप (सीडीएस) की खरीद-बिक्री में अधिक लचीलापन देने का शुक्रवार को प्रस्ताव रखा। मौजूदा ढांचे के तहत म्यूचुअल फंडों को केवल उपयोगकर्ता के रूप में सीडीएस लेनदेन में शामिल होने की अनुमति है। ऐसा सिर्फ उनके द्वारा रखे गए कॉरपोरेट बॉन्ड पर ऋण जोखिम को कम करने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड यह लेनदेन सिर्फ एक साल से अधिक अवधि वाली सावधि परिपक्वता योजना (एफएमपी) के पोर्टफोलियो में कर सकते हैं।
नियामक ने अपने परामर्श पत्र में एक दिन की और नकदी वाली योजनाओं को छोड़कर सभी योजनाओं के लिए सीडीएस खरीद के साथ ही सीडीएस बिक्री में म्यूचुअल फंडों को भागीदारी देने का सुझाव दिया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रस्ताव पर जुलाई तक टिप्पणियां मांगी हैं। बाजार की में सीडीएस एक ऋण डेरिवेटिव अनुबंध है, जिसमें कर्ज की स्थिति में एक प्रतिपक्ष (सुरक्षा विक्रेता) दूसरे प्रतिपक्ष (सुरक्षा खरीदार) को भुगतान करने का वादा करता है और सुरक्षा खरीदार उसके बदले में सुरक्षा विक्रेता को नियमित भुगतान करता है। यह एक तरह से कर्ज का बीमा करने जैसा है।

SEBI ने म्यूचुअल फंडों को क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप खरीदने, बेचने की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा
ram


