टोंक। चंद्र प्रभु दिगंबर जैन नसियां तेरापंथियान पुरानी टोंक में परम पूज्य गणिनी आर्यिका विज्ञा श्री माताजी का 31 वां संयम दीक्षा महोत्सव मनाया गया । समाज के अध्यक्ष रमेश छाबड़ा ने बताया कि इस अवसर पर प्रात: नसियां मंदिर में भगवान चंद्र प्रभु की वृहद शांतिधारा उपाध्याय विकसंत सागर महाराज के सानिध्य में करके अघ्र्य एवं श्रीफल चढ़ाए गए । प्रवक्ता राजेश अरिहंत ने बताया कि दोपहर में संयम दीक्षा महोत्सव के अंतर्गत धारा जैन, परी जैन एवं परिधि जैन द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया। भगवान चंद्र प्रभु एवं आचार्य विराग सागर के चित्र का अनावरण सकल दिगंबर जैन समाज नैनवा द्वारा एवं दीप प्रज्वलन रमेश चंद, रौनक कुमार सर्राफ ने किया । गणिनी आर्यिका विज्ञा श्री माताजी को नई पिच्छिका भेंट करने का सौभाग्य धर्म कुमार, डिंपल कुमार को मिला, उपाध्याय विकसंत सागर महाराज के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य निर्मल कुमार, राजकुमार चौधरी को मिला । गणिनी आर्यिका विज्ञा श्री का पाद प्रक्षालन कुशल देवी, अतुल कुमार, पायल जैन ने किया, आर्यिका विज्ञा श्री को वस्त्र भेंट करने का सौभाग्य नेमीचंद आभा जैन को मिला । पिल्लू जयपुरिया ने बताया कि संगीतकार सौरभ सिद्धार्थ की मधुर भजनों की धुनों पर नीलम, सोनिया, विभांशी, शेफाली, प्रियंका ग्रुप एवं शालिनी, पूनम, अंतिक्षा, ईशा, पूजा ग्रुप ने भक्ति नृत्य प्रस्तुत किया । समारोह में टोंक शहर सहित नैनवा, बूंदी, निवाई, कोटा, जयपुर एवं चाकसू आदि स्थानों से श्रद्धालुओं सहित पवन, कमल, रमेश, तेजमल, निर्मल, राजकुमार, पिल्लू, सतीश, अशोक, उर्मिला, प्रतिभा, निशा, संगीता, इंदिरा एवं मधु आदि मौजूद थे। इस अवसर धर्म सभा को संबोधित करते आर्यिका विज्ञा श्री ने कहा कि मनुष्य को संयम धारण करना चाहिए । यह एक नैतिक गुण है । संयम आत्मा का गुण है।

जैन नसियां में संयम दीक्षा महोत्सव का आयोजन
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