नई दिल्ली । बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा नेशनल हेराल्ड को “कांग्रेस का एटीएम” कहे जाने का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने अनुराग ठाकुर की समझ पर सवाल उठाए हैं। दीक्षित ने दावा किया कि ये अखबार ‘आजादी की आवाज’ रहा है। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में नेशनल हेराल्ड की अहमियत समझाने का प्रयास किया। संदीप दीक्षित ने कहा, ” नेशनल हेराल्ड भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान निकाला गया एक प्रमुख अखबार रहा है और अच्छे अखबारों को विज्ञापन मिलना स्वाभाविक है। अनुराग ठाकुर जैसे नेताओं को न तो नेशनल हेराल्ड के ऐतिहासिक महत्व की समझ है और न ही उन्हें स्वतंत्रता संग्राम की गहराई का अंदाजा है। ये अखबार आजादी की आवाज रहा है। ”
अनुराग ठाकुर के नेशनल हेराल्ड को “कांग्रेस का एटीएम” कहे जाने पर उन्होंने ऐतराज जताते हुए कहा, ” इस पर को सामने आकर पिछले ग्यारह सालों का पूरा चिट्ठा सार्वजनिक करना चाहिए कि किस-किस अखबार या मीडिया समूह को कितना पैसा और कब दिया गया। बीजेपी की राज्य सरकारें भी मीडिया को विज्ञापन के नाम पर भारी भरकम राशि देती हैं, लेकिन उसका कोई हिसाब-किताब नहीं दिया जाता। कैश में जो पैसे दिए जाते हैं, उसका लेखा-जोखा कौन रखता है? उन्होंने आरटीआई कानून में किए गए संशोधनों की आलोचना करते हुए कहा कि अब आम आदमी को सूचना तक नहीं मिल पा रही, तो सच्चाई सामने कैसे आएगी?”
इसके बाद दिल्ली के सीलमपुर इलाके में एक युवक की हत्या के बाद स्थानीय हिंदुओं के अपने घरों के बाहर “यह मकान बिकाऊ है” जैसे पोस्टर लगाने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की मांग पर उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और सबसे पहले यह जांच होनी चाहिए कि यह हत्या सांप्रदायिक थी या किसी निजी दुश्मनी का नतीजा।
उन्होंने कहा कि वे वर्षों से सीलमपुर और जाफराबाद को जानते हैं और वहां इस प्रकार का सांप्रदायिक तनाव कभी नहीं देखा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब दिल्ली की पुलिस, गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार सब भारतीय जनता पार्टी के नियंत्रण में हैं, तो फिर इस तरह की घटनाएं कैसे हो रही हैं?संदीप दीक्षित ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा दावा किया है कि जहां-जहां वह सत्ता में होती है, वहां हिंदुओं को सुरक्षा मिलती है। लेकिन अब जिन इलाकों में दशकों से सांप्रदायिक शांति रही है, वहां अचानक हिंसा क्यों हो रही है? उन्होंने इसे सीधे तौर पर केंद्र और दिल्ली सरकार की नाकामी करार दिया और कहा कि यह दर्शाता है कि बीजेपी शासन में भी आम नागरिकों को सुरक्षा नहीं मिल पा रही।



