आम आदमी पार्टी (आप) सरकार बनाम दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) के बीच गतिरोध गुरुवार को मुख्यमंत्री आतिशी के ‘घर’ तक पहुंच गया, जब उन्हें सिविल लाइंस बंगला खाली करने के लिए कहा गया। आतिशी ने दो दिन पहले ही अपना कुछ सामान सिविल लाइंस के 6, फ्लैगस्टाफ रोड पर शिफ्ट किया था। पीडब्ल्यूडी ने बुधवार को बंगले पर कब्जा कर लिया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। गुरुवार को AAP ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के ‘इशारे’ पर एलजी वीके सक्सेना ने उन्हें दिल्ली सीएम के आधिकारिक आवास से ‘बाहर निकाल दिया।
इन सबके बीच आप ने एक वीडियो जारी किया है। इसमें आतिशी पैक किए गए सामान के बीच एक फाइल पर हस्ताक्षर करते हुए देखी जा सकती हैं। तस्वीर में ये दिखाया गया है कि कमरे में सामान से भरे कार्टन रखे गए हैं और उनके बीच एक सोफा पर बैठकर सीएम आतिशी फाइलों पर हस्ताक्षर कर रही हैं। आप ने पोस्ट किया कि ये होता है जनता के लिए काम करने का जज़्बा। भाजपा के एलजी दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री आतिशी का आवास छीनकर सीएम हाउस से उनका सामान तो बाहर फिकवा सकते हैं लेकिन जनता की सेवा और काम करने के जज्बे को नहीं छीन सकते।
पार्टी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार तमाम बाधाओं और मुश्किलों से लड़ते हुए अंतिम सांस तक दिल्ली की जनता की सेवा करती रहेगी और उनके हक़ और अधिकार की लड़ाई लड़ती रहेगी। पूरा मामला क्या है कि हम आपको बताते हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने यह आवास खाली कर दिया था। केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास 4 अक्टूबर को खाली किया था। आतिशी इस आवास में 7 अक्टूबर को शिफ्ट हुई थीं। लेकिन 8 अक्टूबर को दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बड़ा आरोप लगा दिया। उन्होंने दावा किया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा 6 अक्टूबर को मुख्यमंत्री कार्यालय के विशेष सचिव को पत्र लिखकर चाबी सौंपने का अनुरोध किया गया है।