राजस्थान विधानसभा की 7 सीटों पर हुए उपचुनाव का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. खींवसर, झुंझुनू, सलूंबर, देवली-उनिया और रामगढ़ का विधानसभा उपचुनाव बीजेपी जीत गई है. वहीं दौसा में कांग्रेस और चौरासी में बीएपी को जीत हासिल हुई है. इस रिजल्ट से साफ है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष अपने लिटमस टेस्ट में पास हो गए हैं. लेकिन सातों सीट पर जीत का दावा करने वाली कांग्रेस फेल हो गई है.
RLP को सबसे बड़ा नुकसान
इस उपचुनाव में भारत आदिवासी पार्टी को कोई नुकसान नहीं हुआ है. इस सीट पर पहले भी बीएपी का कब्जा था, और अब भी बीएपी का कब्जा है. लेकिन खींवसर सीट हारने के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का राजस्थान विधानसभा में एक भी विधायक नहीं बचा है. इस बात का डर हनुमान बेनीवाल को पहले से ही था. हालांकि उन्होंने यह कहा कि रिजल्ट कुछ भी आए वे लड़ाई जारी रहेंगे और इतिहास ये कहेगा कि राजस्थान में एक लड़ाका था, जिसने कभी कटोरा लेकर भीख नहीं मांगी. हक की लड़ाई लड़ी. वो भाईयों को साथ लेकर चला. शोषित और पीड़ित तबके को साथ लेकर चला.’
‘अपने बेवफा हो जाएं तो क्या कीजिएगा’
वहीं दूसरी ओर, दौसा की जनता ने लगातार दूसरी बार किरोड़ी लाल मीणा का साथ नहीं दिया. उन्होंने अपने भाई जगमोहन मीणा को जिताने के लिए जनता के बीच जाकर वोटों की भीख तक मांगी, लेकिन ‘पायलट मैजिक’ के आगे ‘बाबा का जादू’ फीका पड़ गया. इस सीट पर कांग्रेस के डीसी बैरवा ने उनके भाई जगमोहन को हरा दिया. उपचुनाव हारने के बाद जगमोहन मीणा की एक तस्वीर और एक वीडियो वायरल हुए. तस्वीर में वे डीसी बैरवा को मुस्कुराकर गले लगाते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं वीडियो में वे कह रहे हैं कि जब अपने हो जाएं बेवफा तो क्या कीजिएगा.