भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले को लेकर एक बयान देते हुए आरोप लगाया कि इस घटना का इस्तेमाल पश्चिम बंगाल सरकार को बदनाम करने की व्यापक साजिश के तहत किया जा रहा है। मेरठ के ऊर्जा भवन में एक सभा को संबोधित करते हुए टिकैत ने सुझाव दिया कि कोलकाता की घटना पर चल रहा ध्यान राज्य सरकार को गिराने और राष्ट्रपति शासन लगाने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।
टिकैत ने मीडिया कवरेज में दोहरे मापदंड पर सवाल उठाते हुए कहा कि मणिपुर जैसे भाजपा शासित राज्यों में ऐसी घटनाएं किसी की नजर में नहीं आती हैं। टिकैत ने कहा कि जब भाजपा शासित राज्यों में ऐसी घटनाएं होती हैं, तो कोई सवाल नहीं पूछता। बंगाल सरकार को बदनाम करने के लिए पिछले 10 दिनों से दुष्प्रचार चलाया जा रहा है। बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति का जिक्र करते हुए टिकैत ने चेतावनी दी कि अगर मौजूदा स्थिति जारी रही तो भारत में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिल सकता है।
उन्होंने दावा किया कि बांग्लादेश पर 15 साल तक राज करने वाली सरकार ने विपक्षी नेताओं को जेल भेजा और अब वे सभी जेल में हैं। यहां भी ऐसा ही होगा। टिकैत ने किसान आंदोलन पर भी बात की और दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई रणनीतिक चूक को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “हमने लाल किले की ओर रुख करके गलती की। अगर 25 लाख किसान संसद तक मार्च करते तो हम उसी दिन अपना लक्ष्य हासिल कर लेते।”