लोकसभा में राजनाथ बोले- पाकिस्तान से सीजफायर दबाव में नहीं किया, मकसद आतंकी ठिकाने तबाह करना था

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नई दिल्ली। संसद में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री राजनाथ ने बताया, ‘हमने आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा। सेना ने आतंकियों से हमारी माताओं-बहनों के सिंदूर का बदला लिया।’ हमारा मकसद आतंकी ठिकाने तबाह करना था और सेनाओं ने अपना लक्ष्य हासिल किया। हमने पाकिस्तान से सीजफायर दबाव में नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘यह सिंदूर की लाली शौर्य की कहानी है। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकी और हैंडलर मारे गए। हमने पूरा ऑपरेशन 22 मिनट में पूरा कर लिया। इससे पहले विपक्ष ने बिहार वोटर वेरिफिकेशन से जुड़े स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (SIR) मुद्दे पर हंगामा किया। सदन को तीन बार स्थगित किया गया था। दोपहर 2:05 मिनट पर ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हो पाई।

राजनाथ बोले- सीमा पार करना या कैप्चर करना उद्देश्य नहीं था
राजनाथ बोले- सीमा पार करना या कैप्चर करना उद्देश्य नहीं था। कार्रवाई का मकसद सालों से पाले-पोसे जा रहे आतंकियों को निशाना बनाना था। ऑपरेशन सिंदूर में सेनाओं को आजादी दी गई कि वे ऑब्जेक्ट्स खुद चुनें। 10 मई की सुबह भारतीय एयरफोर्स ने पाकिस्तान के एयरबेस पर पर करारे हमले किए तो उन्होंने हार मान ली। पाकिस्तान की तरफ से कहा गया कि बस बहुत हुआ, हमले रोक दीजिए।

शशि थरूर ने पार्टीलाइन मानने से इनकार किया
शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में होने वाली चर्चा में पार्टीलाइन मानने से इनकार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस की तरफ से चर्चा को लीड करने और सरकार पर हमला करने को कहा गया था। इसके लिए राहुल गांधी के ऑफिस ने थरूर से कॉन्टैक्ट किया था, लेकिन तिरुवनंतपुरम सांसद ने इनकार कर दिया। थरूर ने कहा कि वे ऑपरेशन सिंदूर के पक्ष में ही बोलेंगे।

लोकसभा की कार्यवाही आज तीसरी बार स्थगित
लोकसभा में आज ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू नहीं हो पाई। विपक्ष के हंगामे के चलते सदन को अब तक तीन बार स्थगित किया जा चुका है। अब दोपहर 2 बजे कार्यवाही शुरू होगी।

अखिलेश बोले- सेना को मौका मिलता, पीआके पर कब्जा कर लेते
सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा, सबसे पहले तो यह स्वीकार करना होगा कि ये दो अलग-अलग मुद्दे हैं। सबसे पहले, हम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों की बहादुरी और पराक्रम के लिए उन्हें बधाई देते हैं। अगर उन्हें मौका मिलता, तो वे पीओके पर भी कब्जा कर लेते। पहलगाम हमले से पहले एक और घटना हुई थी जिसके बारे में जनता को अभी तक जानकारी नहीं दी गई है। सवाल यह है कि भाजपा सरकार में बार-बार आतंकवादी घटनाएं क्यों हो रही हैं? सरकार को जवाब देना चाहिए।

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