जयपुर । राजस्थान उच्च न्यायालय के जस्टिस सुदेश बंसल ने प्रार्थीगण की याचिका में संबंधित दिवानी न्यायालय को उत्तराधिकार अधिनियम के तहत मामले को यथाशीघ्र निपटारा करने के निर्देश दिए है । इस मामले में याचिकाकर्ताओं की तरफ से मोहित बलवदा व आदित्य राज ढाका अधिवक्ताओं ने पैरवी की।मामले के संक्षिप्त तथ्य हैं कि मृतक राज्य कर्मचारी के सेवा अभिलेख के तहत प्रार्थीगण का उसके उत्तराधिकारियों के रूप में नामित हैं। मोहित बलवदा एडवोकेट ने बताया कि जलदाय विभाग जिसका मृतक कर्मचारी था, ने भी कभी भी इस तथ्य से इंकार नहीं किया है।
मोहित बलवदा एडवोकेट ने न्यायालय को बताया कि अप्रार्थी महिला द्वारा उत्तराधिकार अधिनियम के तहत एक झूठा दावा अधीनस्थ न्यायालय के समक्ष गंगापुर सिटी में प्रस्तुत किया गया।मोहित बलवदा एडवोकेट का तर्क था कि प्रार्थी रोहित मीणा की अनुकंपा नियुक्ति में व्यवधान उत्पन्न करने के लिए दायर किया गया है।मोहित बलवदा एडवोकेट के तर्कों से सहमत होकर उच्च न्यायालय ने संबंधित दिवानी न्यायालय को निर्देश दिया कि उत्तराधिकार अधिनियम के तहत याचिका जल्द से जल्द एक वर्ष में निस्तारित किया जाए ताकि प्रार्थी की नियुक्ति संबंधी विभाग नियमानुसार कर सके।

राजस्थान हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति संबंधी याचिका में संबंधित दिवानी न्यायालय को निर्देश दिए
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