गौवंश को शीत ऋतु से बचाव हेतु राजस्थान गो सेवा आयोग ने जारी की एडवाइजरी

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धौलपुर। सर्दी के मौसम में गोवंश के दूध देने की क्षमता शिखर पर होती है, अतः ऐसे मौसम में गोवंश को उचित आहार की आवश्यकता होती है। गोवंश के आहार में प्रोटीन, विटामिन एवं मिनरल की मात्रा अधिक देनी चाहिए। संतुलित आहार में सरसों चरी, लोबीया, रजका या बरसीम आदि के साथ ही गेहूँ का दलिया, चना, खल, ग्वार, बिनोला गोवंश को खिला सकते हैं। इसे बनाने के लिये खल दाले 35-40 प्रतिशत और 20-25 प्रतिशत चने का चोकर, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल मिश्रण 2-3 प्रतिशत, नमक 2-3 प्रतिशत मात्रा में लेकर तैयार कर सकते हैं। गोवंश को संतुलित आहार में चारे के लिये दानों का मिश्रण भी देना चाहिये। दुधारू गोवंश के अलावा गर्भवती गोवंश को भी सर्दियों में 1-2 किलोग्राम संतुलित आहार अतिरिक्त देते रहना चाहिये। गोवंश के अच्छी गुणवत्ता वाला सूखा चारा, बाजरा कडवी, रिजका, सिमण घास, गेहूं की तूडी, जई का मिश्रण खिला सकते हैं जिससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी।
ठन्डे मौसम में अधिक जोखिम वाले गोवंश में नवजात एवं कम उम्र के गोवंश, श्वसन रोगों से ग्रसित गोवंश, दूध देने वाली गाय एवं कमजोर गोवंश शामिल हैं। सर्दी से गोवंश में न्यून तापघात, भूख बंद होना, अधिक वजन के गोवंश में आर्थराइटिस एवं श्वसन रोग होने की संभावना होती है।

गोवंश के बचाव हेतु क्या करें

स्थानीय मौसम भविष्यवाणी का ध्यान रखना चाहिए, गोवंश के बाडे को चारों तरफ से ढक कर रखना चाहिए ताकि गोवंश का सर्दी की सीधी हवाओं से बचाव किया जा सके, गोवंश के बाडे का निर्माण इस प्रकार होना चाहिए ताकि सर्दी में अधिकतम सूर्य की रोशनी गोवंश को मिले एवं गर्मी में न्यूनतम तापमान रहे, गोवंश बाडे के तापमान नियंत्रण हेतु कृत्रिम हीटिंग सिस्टिम लगाना चाहिए, कमजोर एवं बीमार गोवंश को कंबल से ढक कर रखना चाहिए, सभी गोवंश को नमी क्षेत्र से दूर रखना एवं धुएं से बचाकर रखना चाहिए क्योंकि नमी एवं धुआं मिलकर गोवंश में निमोनिया का कारण बनते हैं, गोवंश के शरीर का तापमान बनाये रखने के लिए खल एवं गुड़ का मिश्रण देना चाहिए खासतौर पर छोटे एवं कमजोर गोवंश को, गोवंश को दिया जाने वाला संतुलित आहार उच्च गुणवत्ता का होना चाहिए, कृमिनाशक समय पर देना चाहिए और बाहरी परजीवियों से मुक्त रखा जाना चाहिए, एफएमडी, पीपीआर, एचएस, एन्ट्रोटोएक्सेमिया बीक्यू टीकाकरण समय पर दिया जाना चाहिए, गोवंश को दिन में 4 बार साफ एवं गुनगुना पानी उपलब्ध करवाना चाहिए एवं गर्भवती गोवंश को अतिरिक्त आहार दिया जाना चाहिये। मृत गोवंश का उचित प्रकार से निस्तारण करना चाहिए मृत गोवंश का उचित प्रकार से निस्तारण करना चाहिए।

गोवंश के बचाव हेतु क्या न करें
गोवंश को खुले में ठण्ड के समय में न छोड़े, गोवंश को ठन्डा एवं बासी आहार नहीं देना चाहिए, गोवंश के बाडे में नमी व धुंआ नही होने देना चाहिए।

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