विपक्ष को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का जवाब, हम रील बनाने वाले नहीं, कड़ी मेहनत करने वाले लोग हैं

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लोकसभा में बोलते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हम वो लोग नहीं हैं जो रील बनाते हैं, हम आप लोगों के विपरीत कड़ी मेहनत करते। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोको पायलटों के औसत कामकाज और आराम का समय 2005 में बनाए गए एक नियम से तय होता है। उन्होंने कहा कि 2016 में नियमों में संशोधन किया गया और लोको पायलटों को अधिक सुविधाएं दी गईं। सभी रनिंग रूम-558 को वातानुकूलित बनाया गया।

दरअसल, रेल मंत्री लोको पायलट को लेकर विपक्ष के आरोपों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि लोको कैब बहुत अधिक कंपन करती हैं, गर्म होती हैं और इसलिए 7,000 से अधिक लोको कैब वातानुकूलित हैं। यह उन लोगों के समय में शून्य था जो आज रील बनाकर सहानुभूति दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे में भर्ती की बात करें तो 2004 से 2014 तक यूपीए के कार्यकाल में रेलवे में सिर्फ 4 लाख 11 हजार कर्मचारियों की भर्ती हुई थी, जबकि 2014 से 2024 तक – एनडीए के 10 साल में यह संख्या 5 लाख 2 हजार तक पहुंच जाती है।

उन्होंने आगे कहा कि वर्षों से क्या मांग हो रही थी – रेलवे भर्ती के लिए एक वार्षिक कैलेंडर हो, हमने इसे जनवरी 2024 में घोषित किया है। उन्होंने दावा किया कि रेलवे में जाने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले युवाओं के लिए अब साल में 4 बार जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में वैकेंसी निकलती है। अब भी 40,565 रिक्तियां विज्ञापित हैं जिन्हें भरा जाना है। झारखंड में नवीनतम ट्रेन दुर्घटना के बाद विपक्षी दलों ने मंगलवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और 20 घायल हो गए थे।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए सरकार से कई रेल दुर्घटनाओं के बाद जवाबदेही तय करने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय करने को कहा। पूर्व रेल मंत्री बनर्जी ने ट्वीट किया, “मैं गंभीरता से पूछती हूं: क्या यह शासन है? लगभग हर हफ्ते बुरे सपने की यह श्रृंखला, रेलवे पटरियों पर मौतों और चोटों का यह अंतहीन सिलसिला: हम इसे कब तक बर्दाश्त करेंगे? क्या भारत सरकार की संवेदनहीनता का कोई अंत नहीं होगा?”

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