राहुल बोले- रायबरेली में इंसान नहीं, संविधान की हत्या

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नई दिल्ली। रायबरेली में मॉब लिंचिंग को लेकर राहुल गांधी ने कहा- दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की निर्मम हत्या केवल एक इंसान की नहीं, बल्कि इंसानियत, संविधान और न्याय की हत्या है। देश में नफरत, हिंसा और भीड़तंत्र को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है। राहुल ने मंगलवार को X पर लिखा- संविधान की जगह बुलडोजर ने ले ली है, इंसाफ की जगह डर ने। लेकिन यह देश संविधान से चलेगा, भीड़ की सनक से नहीं। भारत का भविष्य समानता और मानवता पर टिका है। मैं परिवार के साथ खड़ा हूं। उन्हें न्याय जरूर मिलेगा। दरअसल, 2 अक्टूबर को हरिओम पासवान की हत्या हुई थी। शुरू में कहा गया था कि युवक ड्रोन चोर था। उसी दिन युवक को पीटने और उसकी लाश के वीडियो भी सामने आए थे। इसके बाद 4 अक्टूबर को एक और वीडियो सामने आया, जिसमें मार खाते हुए युवक राहुल गांधी का नाम लेता है। इस पर भीड़ में से एक शख्स कहता है, यहां सब ‘बाबा’ वाले हैं। इस मामले में लापरवाही करने पर ऊंचाहार थाना अध्यक्ष संजय कुमार समेत 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रविवार रात राहुल ने परिवार से फोन पर बात की थी। कहा था- परेशान मत होइए, कांग्रेस परिवार आपके साथ है। इस मामले में राहुल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ साझा लेटर भी लिखा है। जिसे दोनों नेताओं ने X पर शेयर किया। इसमें लिखा है- रायबरेली में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की निर्मम और क्रूर हत्या की कांग्रेस पार्टी कड़ी से कड़ी निंदा करती है। हमारे देश में एक संविधान है, जो हर इंसान को समानता के भाव से पहचानता है। एक कानून है, जो हर नागरिक की सुरक्षा, उसके अधिकार और उसकी अभिव्यक्ति को समान दर्जा देता है। जो रायबरेली में हुआ, वह इस देश के संविधान के प्रति घोर अपराध है। दलित समुदाय के प्रति अपराध है। इस देश और समाज पर कलंक है।

वंचित के खिलाफ सबसे अधिक हिंसा
देश में दलितों, अल्पसंख्यकों और गरीबों पर अपराध की संख्या हद से ज्यादा बढ़ चुकी है। यह हिंसा सबसे अधिक उन्हीं पर होती है, जो वंचित हैं, बहुजन हैं, जिनकी न पर्याप्त हिस्सेदारी है, न प्रतिनिधित्व। चाहे हाथरस और उन्नाव में महिलाओं के खिलाफ अपराध हों या रायबरेली में हरिओम की हत्या। कुछ समय पहले रोहित वेमुला की संस्थागत हत्या हुई। मध्य प्रदेश में एक नेता द्वारा आदिवासी युवक पर पेशाब करने की अमानवीय घटना भी सामने आई। ओडिशा और मध्य प्रदेश में दलितों की निर्मम पिटाई हो या फिर हरियाणा के पहलू खान और उत्तर प्रदेश के अखलाक की हत्या। हर घटना हमारे समाज, प्रशासन और सत्ताधारी शक्तियों की बढ़ती हुई संवेदनहीनता का दर्पण है।

2014 के बाद से मॉब लिंचिंग भयावह पहचान बन चुकी
2014 के बाद से मॉब लिंचिंग, बुलडोजर अन्याय और भीड़तंत्र जैसी प्रवृत्तियां हमारे समय की भयावह पहचान बन चुकी हैं। हिंसा किसी भी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती है, इसलिए हरिओम के साथ जो हुआ, वह हमारी सामूहिक नैतिकता पर गहरा प्रश्न है। डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपनों का भारत और महात्मा गांधी के ‘वैष्णव जन…’ का भारत सामाजिक न्याय, समानता और संवेदना का भारत है, जिसमें ऐसे अपराधों के लिए कोई स्थान नहीं। मानवता ही एकमात्र रास्ता है।

अन्याय के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत
कांग्रेस पार्टी समाज के वंचित और कमजोर तबकों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। हम नागरिकों से आह्वान करते हैं कि वे इस अन्याय के खिलाफ एकजुट हों। यह लड़ाई तब तक जारी रहनी चाहिए, जब तक हर भारतीय के अधिकारों और जीवन की गरिमा को पूर्ण सुरक्षा नहीं मिल जाती। रायबरेली के ऊंचाहार थाना क्षेत्र के ईश्वरदासपुर गांव में 2 अक्टूबर को एक युवक की लाश रेलवे ट्रैक के किनारे मिली थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवक के शरीर पर पिटाई के निशान थे। सिर पर गहरी चोट, छाती पर बेल्ट के निशान और पूरे शरीर पर नीले-काले दाग थे। पुलिस ने युवक का नाम हरिओम पुत्र गंगादीन (38) बताया था। वह फतेहपुर जिले के तरावती का पुरवा गांव का रहने वाला था। वह 1 अक्टूबर की रात करीब 1 बजे ऊंचाहार-डलमऊ मार्ग पर ईश्वरदासपुर की ओर जा रहा था। तभी 24-25 गांववालों ने उसे पकड़ लिया। गांव वाले उससे पूछताछ करने लगे। हरिओम ने बताया कि वह पास के ही गांव में रहता है, लेकिन गांव वाले नहीं माने। इसके बाद उसे डंडे और बेल्ट से मारने-पीटने लगे। फिर उसे अधनंगा कर दिया। उसकी ही शर्ट से दोनों हाथ बांधे। उस पर डंडे-बेल्ट बरसाते रहे।

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