प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विकासशील देशों, खासकर खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर वैश्विक अनिश्चितताओं के प्रभाव पर चिंता व्यक्त की। वर्चुअल रूप से आयोजित तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में बोलते हुए मोदी ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में इन देशों का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
कोविड-19 से परे चुनौतियां
पीएम मोदी ने कहा कि जबकि दुनिया अभी भी कोविड-19 के प्रभावों से उबर रही है, चल रहे भू-राजनीतिक तनावों ने कई देशों के विकास पथ को और जटिल बना दिया है। उन्होंने कहा, “हम न केवल जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्य, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं हैं।”
आतंकवाद और तकनीकी विभाजन को संबोधित करते हुए
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद के लगातार खतरों के बारे में भी चेतावनी दी। उन्होंने बढ़ते तकनीकी विभाजन और तकनीकी प्रगति से संबंधित नई आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के उभरने पर प्रकाश डाला।
 


