प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान मिशन के तहत 79.156 करोड़ रुपये परिव्यय की अनुमति प्रदान की

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पाली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आदिवासी बहुल गांवों में जनजाति कल्याण के लिए एवं आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए ‘‘प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान’’ मिशन के तहत 79.156 करोड़ रुपये के परिव्यय (केन्द्रीय अंश रू 56.333 करोड़ रुपये और राज्य अंश रू 22,823 करोड़ रुपये) की अनुमति प्रदान की है। जिससे देश के 63,000 से अधिक आदिवासी बाहुल्य वाले गांवों को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।

2011 की जनगणना अनुसार, देश में 10.45 करोड़ से अधिक आदिवासी समुदाय हैं, जो दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में निवास करते है। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का उद्देश्य भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामाजिक अवसंरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्त्वपूर्ण सुधार करना है। योजना की अवधारणा प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महा अभियान के तहत अर्जित अनुभव एवं सफलता के आधार पर जनजातीय क्षेत्रों और समुदायों के समग्र और सतत विकास को सुनिश्चित करना है ।

इस योजना में 25 कार्यक्रम शामिल हैं, जिनका क्रियान्वयन 17 मंत्रालयों द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक मंत्रालय / विभाग अपने-अपने विभागों को आवंटित निधियों के माध्यम से समयबद्ध तरीके से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होगा। अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के तहत अगले 5 वर्षों में लक्ष्यों को प्राप्त किया जाएगा।

सक्षम बुनियादी ढांचे के विकास के लक्ष्य के अन्तर्गत पात्र परिवारों के लिए पक्के मकान एवं ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास को शामिल किया गया है। आर्थिक सशक्तिकरण को बढावा देने के लिए कौशल विकास, उद्यमिता संवर्धन एवं आजीविका अवसरों के उन्नयन (स्वरोजगार) को शामिल किया गया है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच के लक्ष्य हेतु स्कूल और उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय स्तर तक गुणवत्ता स्तर में वृद्धि (समग्र शिक्षा अभियान) तथा अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए विद्यालयों में जनजाति छात्रावासों की स्थापना तथा स्वस्थ जीवन और सम्मानजनक वृद्धावस्था के लक्ष्य के लिए मोबाईल मेडिकल युनिट (नेशनल हैल्थ मिशन) के माध्यम से अनुसूचित जनजाति व्यक्तियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए आईएमआर, एमएमआर टीकाकरण के राष्ट्रीय मानकों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लक्ष्य रखे गये हैं।

इस योजना के अन्तर्गत पाली जिले की 7 पंचायत समितियों जिसमें रोहट (1 ग्राम), पाली (1 ग्राम), खारची (मारवाड़ जंक्शन) (1 ग्राम), देसूरी (1 ग्राम), सुमेरपुर (1 ग्राम), बाली (37 ग्राम) और रानी स्टेश्न (25 ग्राम) कुल 67 ग्रामों को सम्मिलित किया गया है।

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