धौलपुर। जिले में 24 मार्च तक चलने वाले टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान की आगामी कार्य योजना और इस संबंध में की जा रही गतिविधियों के बारे में मीडिया को अवगत कराने हेतु प्रेस वार्ता का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.धर्मसिंह मीणा की अध्यक्षता में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पर किया गया। प्रेस वार्ता के दौरान सीएमएचओ डॉ.मीणा ने अभियान के सफलता के लिए मीडिया की सहभागिता की आवश्यकता जताई। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के अंतर्गत किए जा रहे प्रयासों से जिले की 188 ग्राम पंचायतों में से 48 ग्राम पंचायतें एक साथ टीबी मुक्त होने की ओर अग्रसर है। पिछले एक साल में इन ग्राम पंचायतों में रोगियों के केसों की संख्या में कमी आई है। इन पंचायतों में अब एक हजार की जनसंख्या पर औसत एक टीबी मरीज रह गए हैं। उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित करने के लिए विभाग द्वारा 6 इंडिकेटर्स निर्धारित किए हैं। जिले की 48 ग्राम पंचायतें अन्य सभी 6 मानदंडों पर भी खरी उतरी हैं। जिनमें टीबी यूनिट धौलपुर की 17, बाड़ी की 7, बसेड़ी की 5,राजाखेड़ा की 19 ग्राम पंचायतें टीबी रोग मुक्त होंगी। इस संबंध में विभाग द्वारा राज्य टीबी अनुभाग को रिपोर्ट भेज दी है। अब मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद की अध्यक्षता में सत्यापन हेतु टीम गठित होगी। टीम द्वारा रिपोर्ट तैयार कर जिला कलक्टर महोदय को प्रेषित की जाएगी 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस के अवसर पर जिला कलक्टर इसका अनुमोदन कर पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित करेंगे। डॉ. मीणा ने बताया कि सितंबर 2022 में शुरू हुई प्रधानमंत्री टीबी मुक्त ग्राम योजना के अंतर्गत अभियान चलाकर विभाग द्वारा टीबी मुक्ति हेतु प्रयास किए जा रहे है। धौलपुर जिले में विभाग के अधीन अभी करीब 4 हजार 300 टीबी के मरीज एक्टिव हैं। पहले चरण के बाद आगामी महीनों में अन्य ग्राम पंचायतों में भी यह प्रयास किए जाएंगे।
सीएमएचओ डॉ.मीणा ने बताया कि अभियान के लिए जनप्रतिनिधियों, शिक्षकों, टीबी उपचारित रोगियों, टीबी चैंपियन, स्वास्थ्य कर्मियों, आशा सहयोगिनियों और स्वास्थ्य मित्र कार्यकर्ताओं के ग्रुप बनाए गए है इन ग्रुपों के सहयोग से व्यापक जन जागरूकता गतिविधियां संचालित करने के साथ ही पंचायत के टीबी रोगियों को जांच और उपचार-परामर्श सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है।
इन 6 मानकों को पूरा करने पर घोषित किया जाता है टीबी मुक्त
उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के लिए निर्धारित मापदंड के लिए संदिग्ध टीबी मामलों की जांच प्रति हजार लोगों पर 30 या इससे अधिक टेस्ट होने चाहिए, टीबी नोटिफिकेशन दर प्रति हजार जनसंख्या पर 1 या एक से कम टीबी रोगी होना चाहिए, उपचार सफलता दर 85 फीसदी रोगी इलाज के बाद ठीक होने चाहिए, ड्रग ससेप्टिबिलिटी टेस्ट के तहत 60 प्रतिशत मरीजों की हाईटेक मशीनों से जांच होनी चाहिए, 100 फीसदी मरीजों को निक्षय पोषण योजना का लाभ, निक्षय मित्र द्वारा पोषण किट वितरण, शत प्रतिशत मरीजों को सरकार द्वारा निर्धारित पोषण किट मिलना चाहिए।
शेष पंचायतों को टीबी मुक्त करने के किए जा रहे है प्रयास
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस तक खास अभियान चलाकर टीबी मुक्त की दिशा में काम किया जा रहा है। आशा सहयोगिनियों द्वारा जगह जगह पर नारा लेखन, विद्यालयों में निबंध और अन्य वाद विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन कर आमजन को जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे है साथ ही विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी आमजन को जागरूक किया जा रहा है।
प्रेस वार्ता के दौरान एसीएमएचओ डॉ.गौरव मीणा, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गोविन्द सिंह मीणा, जिला प्रजनन एवं शिशु रोग अधिकारी डॉ शिव कुमार शर्मा, एपीआरओ रोहित मित्तल, डीपीसी प्रवीण कुमार अवस्थी, डीपीसी टीबी प्रेम सैनी सहित मीडिया कर्मी मौजूद रहे।

टीबी मुक्त ग्राम पंचायत को लेकर प्रेस वार्ता आयोजित
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