बारिश के बाद मौसमी बीमारियों की प्रभावी रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग की तैयारी

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-मच्छरों के प्रजनन स्थलों पर ब्रीडिंग रोकने में आमजन के लिए उपयोगी है मरुधरा एप

बूंदी। जिले में मरुधरा एप के जरिए मच्छर जनित क्षेत्रों की स्थिति की रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी और बचाव व रोकथाम के उपाय किए जा सकेंगे। इस ऐप का मुख्य उद्देश्य मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया के केसों में कमी लाना है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओ.पी.सामर ने बताया कि मच्छर जनित बीमारियां जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया का जोर ज्यादातर बारिश में जुलाई-अगस्त से लेकर अक्टूबर-नवम्बर तक रहता है। ऐसे में बीमारियों पर तुरंत अंकुश लगाने के लिए चिकित्सा विभाग ने इस बार प्रभावी नियंत्रण के लिए मरूधरा एप से रियल टाइम ऑनलाइन मॉनिटरिंग शुरू की है।
उन्होंने बताया कि एप के माध्यम से मच्छर के ब्रीडिंग स्थल तथा लार्वा पाए जाने वाले स्थानों का विवरण फोटो सहित संबंधित विभाग को भिजवा कर तत्काल एंटी लार्वा एवं मच्छर रोधी गतिविधियां कर रोकथाम के उपाय किए जाएंगे। एप के जरिए मिलने वाली सूचना पर अन्तर्विभागीय समन्वय से मच्छरों की ब्रीडिंग को कंट्रोल किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बारिश के दिनों में डेंगू और मलेरिया के मच्छर काटने से लोग बीमार हो सकते हैं। इससे बचाव के साथ ही बूंदी जिले में मच्छरों के प्रजनन स्थलों पर ब्रीडिंग रोकने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अब मरुधरा ऐप की मदद ले रहा है।
इन स्थानों की दी जा सकेगी सूचना
डॉ. सामर ने बताया कि आमजन मरूधरा एप के जरिए जलभराव के स्रोत जैसे सड़क पर पड़ा हुआ कचरा, नाला-नाली में सफाई न होने के कारण रुका पानी, सड़क व अन्य स्थान पर गड्ढ़ों में भरा पानी, खाली प्लाट में कचरा या पानी, बावड़ी में कचरा या गंदगी, घर के बाहर पानी के अन्य स्रोत टंकी, मटका, टायर, डिब्बों में लार्वा, अन्य स्थान या पात्र जहां जमा पानी की स्थिति की फोटो खींचकर जीओ लोकेशन के साथ एप में अपलोड कर सकेंगे।
ऐसे करेगा एप काम
उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमलेश शर्मा ने बताया कि आमजन गूगल प्ले स्टोर से मरुधरा एप डाउनलोड कर सकेंगे। इसमें शिकायत पंजीकरण के लिए क्यू आर कोड प्रदर्शित किया गया है। जिले का कोई भी व्यक्ति मच्छर पैदा होने वाले स्थानों की फोटो और जानकारी इसमें अपलोड कर सकेंगे। इस पर अपलोड होने वाली सूचना चिकित्सा विभाग के पास पहुंचेगी। इसके बाद चिकित्सा विभाग संबंधित विभाग और संस्था को समस्या समाधान करने के लिए उपलब्ध कराएगा। आमजन द्वारा की गई शिकायत का निस्तारण होने के बाद इसकी जानकारी भी अवगत कराई जाएगी। इसके लिए भी अलग से क्यू आर कोड स्कैन कर जानकारी देनी होगी और समस्या का समाधान होने के बाद एप में प्रदर्शित मैप में शिकायत में दिया गया स्थान ग्रीन कलर में प्रदर्शित हो जाएगा।

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