नई दिल्ली। दिल्ली में लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए आत्मघाती धमाके से पहले आतंकी डॉ. उमर का एक नया वीडियो सामने आया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यह वीडियो उमर ने ब्लास्ट से ठीक पहले रिकॉर्ड किया था। इसमें वह खुद को “शहीद होने के मिशन” पर जाने वाला बता रहा है और यह दावा करता दिखाई देता है कि यह “सुसाइड अटैक नहीं, मार्टरडम ऑपरेशन” था। वीडियो के आधार पर एजेंसियों को शक है कि उमर लंबे समय से फिदायीन हमला करने की योजना बना रहा था। 10 नवंबर को लाल किले के पास ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ी हुंडई i20 कार में उमर ने विस्फोट किया था। धमाके में 15 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
अब तक 8 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें 6 डॉक्टर शामिल हैं। जांच एजेंसियां इस मॉड्यूल के बाकी सदस्यों और तकनीकी सपोर्ट नेटवर्क की पहचान में जुटी हैं।
सोमवार रात जांच में बड़ा खुलासा हुआ। NIA ने बताया कि यह वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल हमले को हमास की तर्ज पर ड्रोन और रॉकेट से अंजाम देना चाहता था।
यह जानकारी उमर के सहयोगी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश की गिरफ्तारी के बाद मिली। दानिश काजीगुंड (अनंतनाग) का निवासी है और छोटे ड्रोन तथा हथियारों को मॉडिफाई करने में तकनीकी विशेषज्ञता रखता है।
NIA के अनुसार, दानिश भीड़भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन से बम गिराने की योजना पर काम कर रहा था, ताकि अधिक नुकसान पहुंचाया जा सके।
मुख्य आरोपी आमिर की 10 दिन की NIA कस्टडी
धमाके में इस्तेमाल कार आमिर राशिद अली के नाम पर रजिस्टर्ड थी। आमिर पंपोर का रहने वाला है और हमले से पहले वह उमर के संपर्क में था। NIA ने आमिर को रविवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे 10 दिन की NIA कस्टडी में भेज दिया। अब तक कुल 8 गिरफ्तारियों के बाद एजेंसियां मॉड्यूल के अन्य सदस्यों और फंडिंग नेटवर्क का पता लगाने में जुटी हैं।

आतंकी डॉ. उमर का धमाके से पहले का वीडियो सामने आया, NIA को ड्रोन हमले की साजिश के सबूत मिले
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