भरतपुर। राज्य सरकार के निर्देश पर बाल विवाह की रोकथाम को लेकर प्रदेशभर में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी क्रम में भरतपुर में प्रयत्न संस्था के तत्वावधान में दस दिवसीय बाल विवाह निषेध अभियान चलाया गया है। यह अभियान 21 अप्रैल से शुरू होकर अक्षय तृतीया के दिन रैली के साथ संपन्न होगा।
संस्था द्वारा जिले के करीब 50 गांवों में गोष्ठियां, रैलियां और संवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें ग्रामीणों को बाल विवाह के दुष्परिणामों और इससे जुड़े कानूनों की जानकारी दी गई। साथ ही, लोगों से बाल विवाह नहीं करने का वचन पत्र भी भरवाया गया।
प्रयत्न संस्था की प्रोजेक्ट हेड शालू हेंब्रोम और टीना चौधरी ने बताया कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत यह प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाल विवाह कराना कानूनन अपराध है, और इसके दोषियों को दो साल तक की जेल और एक लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है।
अभियान के समापन पर 1 मई को कला मंदिर विद्यालय से एक जागरूकता रैली निकाली जाएगी, जो मान सिंह सर्किल पर समाप्त होगी। रैली के बाद लोगों को बाल विवाह निषेध की शपथ भी दिलाई जाएगी। इस अवसर पर ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान का पोस्टर भी विमोचित किया गया।



