विदेश दौरे पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेताओं से मिलेंगे पीएम मोदी

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नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न केवल सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक नीति को दिखाया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पाकिस्तान को बेनकाब करने का सिलसिला तेज कर दिया है। इस अभियान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब उन भारतीय सांसदों से मुलाकात करेंगे, जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जाकर भारत का पक्ष रख रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी 9 और 10 जून को इन नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। बैठक में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी रणनीति, पाकिस्तान की आतंकी भूमिका और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया पर चर्चा होगी। यह मुलाकात इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि ये नेता अब तक अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देशों में जाकर पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश कर चुके हैं।

पाकिस्तान को घेरने में जुटे भारतीय सांसद

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत ने एक बहुस्तरीय रणनीति अपनाई है—सीमा पर कार्रवाई के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की छवि को बेनकाब करने की कूटनीति। इसी के तहत दो सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों का दौरा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता शशि थरूर की अगुआई वाला दल अमेरिका पहुंचा, जिसमें शामिल थे:

सरफराज अहमद (झामुमो)
जीएम हरीश बालयोगी (तेलुगु देशम)
शशांक मणि त्रिपाठी (भाजपा)
भुवनेश्वर कालिता (भाजपा)
मिलिंद देवड़ा (शिवसेना)
तेजस्वी सूर्या (भाजपा)
तरनजीत सिंह संधू (पूर्व राजदूत)

इन प्रतिनिधियों का मकसद था पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की सच्चाई को तथ्यों और सबूतों के साथ दुनिया के सामने लाना।

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मोर्चा

भारत चाहता है कि दुनिया आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो और पाकिस्तान पर दबाव डाले कि वह आतंकियों की पनाहगाह बनना बंद करे। इन कूटनीतिक यात्राओं से भारत को यह उम्मीद है कि आने वाले समय में आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय रवैया और सख्त होगा।

केंद्र सरकार की अहम बैठक

प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करने जा रहे हैं। यह बैठक कई मायनों में अहम है—पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद यह मंत्रिपरिषद की पहली बैठक होगी। बैठक में विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज, सुरक्षा मामलों और सरकारी नीतियों की समीक्षा होगी। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में शीर्ष नौकरशाह भी मौजूद रहेंगे और हालिया सैन्य कार्रवाई के प्रभाव और रणनीतिक फॉलोअप पर चर्चा की जाएगी।

सीमापार ठिकानों पर भारत का निर्णायक प्रहार

‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं थी, यह भारत का एक स्पष्ट संदेश था—अब सीमा पार से होने वाले हर हमले का जवाब भीतर तक घुसकर दिया जाएगा। पीओके और पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर की गई एयरस्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया है। यह बैठक ऐसे वक्त हो रही है जब मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का एक साल पूरा करने जा रही है, और इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकी खतरे और विदेश नीति को लेकर लिए गए निर्णयों की समीक्षा अब निर्णायक मोड़ पर पहुंची है।

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