पीपाड़ शहर : लोकदेवता तेजाजी महाराज के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य जोरो पर, छीतर के पत्थर से विशिष्ट शैली में हो रहा निर्माण

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पीपाड़ शहर। समीपवर्ती खारिया आनावास में लोकदेवता सत्यवादी वीर तेजाजी महाराज के भव्य मंदिर का निर्माण गांव के प्रवेश द्वार के पास जोर-शोर से चल रहा है। यह मंदिर जाट समाज और 36 कौम के सहयोग से बनाया जा रहा है, जो सामुदायिक एकता और आस्था का प्रतीक है। मंदिर निर्माण समिति के सदस्य सुमेर राम गारू के अनुसार, यह मंदिर जोधपुर के छितर पत्थरों से विशिष्ट वास्तु शैली में तैयार किया जा रहा है, जिसकी भव्यता और सुंदरता देखते ही बनती है। मंदिर का निर्माण कार्य आगामी दो माह में पूर्ण होने की उम्मीद है, जिसके बाद यह न केवल खारिया गांव, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन और आस्था का प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा। तेजाजी महाराज, जिन्हें भगवान शिव का ग्यारहवां अवतार माना जाता है, राजस्थान और मालवा क्षेत्र में लोकदेवता के रूप में पूजे जाते हैं। उनका जन्म नागौर जिले के खरनाल गांव में विक्रम संवत 1130 में हुआ था। उनकी सत्यनिष्ठा और वीरता की कहानियाँ आज भी लोककथाओं में जीवित हैं। खारिया आनावास का यह मंदिर तेजाजी की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का एक प्रयास है। जोधपुर के छितर पत्थर, जो अपनी मजबूती और सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध हैं, मंदिर की वास्तुकला को और भी आकर्षक बनाते हैं। मंदिर की डिज़ाइन में राजस्थानी शैली का समावेश किया गया है, जिसमें जटिल नक्काशी और पारंपरिक कारीगरी का उपयोग हो रहा है। यह मंदिर केवल धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी बनेगा। मंदिर निर्माण में स्थानीय समुदाय की भागीदारी इसे और भी विशेष बनाती है। निर्माण पूर्ण होने पर यहाँ वार्षिक मेले और धार्मिक आयोजनों का केंद्र बनने की संभावना है, जैसा कि परबतसर में तेजाजी के पशु मेले के रूप में देखा जाता है। यह मंदिर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगा और श्रद्धालुओं को तेजाजी के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करने का एक नया केंद्र प्रदान करेगा। मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है, और इसके पूर्ण होने पर खारिया गांव का नाम धार्मिक और सांस्कृतिक मानचित्र पर और भी प्रमुखता से उभरेगा। यह मंदिर तेजाजी के भक्तों के लिए एक तीर्थस्थल होगा, जहाँ वे उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने आएंगे। यह प्रयास न केवल आध्यात्मिक, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी क्षेत्र के विकास में योगदान देगा।

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