नई दिल्ली। फिनटेक यूनिकॉर्न पाइन लैब्स के पब्लिक इश्यू (आईपीओ) के लिए प्राइस बैंड और उसके साइज की घोषणा कर दी गई है। इस आईपीओ में बोली लगाने के लिए 210 रुपये से लेकर 221 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है, जबकि लॉट साइज 67 शेयर का है। इस इश्यू का साइज 3,899.91 करोड़ रुपये का है। पाइन लैब्स का ये इश्यू सब्सक्रिप्शन के लिए 7 नवंबर को खुलेगा। निवेशक इसमें 11 नवंबर तक बोली लगा सकेंगे। क्लोजिंग के बाद 12 नवंबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा, जबकि 13 नवंबर को अलॉटेड शेयर डिमैट अकाउंट में क्रेडिट कर दिए जाएंगे। कंपनी के शेयर 14 नवंबर को बीएसई और एनएसई पर लिस्ट हो सकते हैं। इस आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर्स कम से कम 1 लॉट यानी 67 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं, जिसके लिए उन्हें 14,807 रुपये का निवेश करना होगा। इसी तरह रिटेल इनवेस्टर 1,92,491 रुपये के निवेश से अधिकतम 13 लॉट के लिए बोली लगा सकते हैं। इस आईपीओ के तहत 1 रुपये फेस वैल्यू वाले 2,080 करोड़ रुपये के 9,41,17,647 नए शेयर जारी हो रहे हैं। इसके अलावा 1,819.91 करोड़ रुपये के 8,23,48,779 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे जाएंगे।
इस आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए न्यूनतम 75 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व किया गया है। इसके अलावा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए अधिकतम 10 प्रतिशत हिस्सा और नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (एनआईआई) के लिए अधिकतम 15 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व है। इस इश्यू के लिए एक्सिस कैपिटल लिमिटेड को बुक रनिंग लीड मैनेजर बनाया गया है। वहीं केफिन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड को रजिस्ट्रार बनाया गया है।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत में उतार चढ़ाव होता रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 265.15 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 341.90 करोड़ रुपये और 2024-25 में गिर कर 145.49 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 4.79 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ।
इस दौरान कंपनी की राजस्व प्राप्ति में लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में इसे 1,690.44 करोड़ का कुल राजस्व प्राप्त हुआ, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 1,824.16 करोड़ और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 2,327.09 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 653.08 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
इस अवधि में कंपनी के कर्ज में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में कंपनी पर 329.51 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 532.92 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 829.49 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 की बात करें, तो इस दौरान कंपनी पर लदे कर्ज का बोझ 888.74 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। इसी तरह ईबीआईटीडीए (अर्निंग बिफोर इंट्रेस्ट, टैक्सेज, डिप्रेशिएशंस एंड एमॉर्टाइजेशन) 2022-23 में 196.80 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में घट कर 158.20 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का ईबीआईटीडीए बढ़ कर 356.72 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 तक ये 120.56 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा।



