पिड़ावा : धर्मनगरी पिड़ावा के इतिहास में पहली बार संपन्न हुआ, नव दिवसीय भक्तामर महामंडल विधान, समापन में 51 जोड़ो ने पूर्णाहुति दी

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पिड़ावा। गुरुवार को श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन जूना मंदिर खंडूपुरा पिडावा में आर्यिका 105 चिन्मय मति माताजी संसघ सानिध्य में चल रहे नव दिवसीय भक्तामर महामंडल विधान का समापन हुआ। यह भक्तामर महामंडल विधान निरंतर 24 घंटे 9 दिन तक कुल 216 घंटे तक अनवरत बिना खंडित किये बोला गया। जिसका समापन 51 जोड़े व सकल दिगम्बर जैन समाज ने समापन किया। विधान के मुख्य सोधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य मनसुख लाल जैन, ओमप्रकाश जैन, गुणमाला जैन, अर्चना जैन, उत्सव जैन, राजुल जैन नयापुरा समस्त परिवार को प्राप्त हुआ। उसके बाद विधान का प्रथम मुख्य कलश अनीता जैन कमलचंद स्नेही अध्यापक समस्त परिवार को प्राप्त हुआ। द्वितीय कलश लोकेश जैन, कपिल जैन, पीयूष जैन, सुखमाल जैन, तृतीय कलश त्रिलोकचंद जैन, पारस जैन, दिनेश जैन, जीवन जैन, चतुर्थ कलश मनसुख जैन परिवार, व पंचम कलश त्रिलोकसिंह जैन चांदसिंह जैन समस्त परिवार को प्राप्त हुआ। बाकी 11 कलश व ध्वज श्रावक जन ने प्राप्त किए। अंत में हवन यज्ञ कर पूर्णाहुति दी गयी। ऐसा कार्यक्रम नव दिवस का पिडावा नगरी के इतिहास में पहली बार हुआ। यह सभी कार्यक्रम संघस्थ मुस्कान दीदी के कुशल निर्देशन में संपन्न हुआ। रात्रि में जैन धर्मशाला कटला में जैन भक्ति का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सभी को उपहार दिया गए। चातुर्मास समिति अध्यक्ष मुकेश जैन शंभू, रेखा जैन देवास ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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