पिड़ावा। सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वाधान में सुगंध दशमी का पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। समाज प्रवक्ता मुकेश जैन चेलावत ने बताया कि पिड़ावा के सातों जैन मंदिर कोटड़ी, श्री भक्तामर विश्व धाम ड़ोला मन्दिर में सभी श्रावक श्राविकाओं ने सभी मन्दिरों में जाकर दर्शन किये और धूप समर्पित कर पूण्य लाभ अर्जित किया। उपाध्याय 108 श्री विकसंत सागर महाराज जी के 5 निर्जल उपवास के बाद प्रथम बार गुरूदेव का पारणा का पड़गाहन मांगलिक भवन में हुआ। जिसमें गुरूदेव के 31 परिवारो ने चौके लगाये गये। महाराज जी ने बड़े मन्दिर में व आर्यिका चिन्मय मति माताजी ने जुना मन्दिर में बताया कि उत्तम संयम धर्म जैन धर्म के दश लक्षण पर्व में से एक है। जिसमें इंद्रियों और मन पर नियंत्रण रखना और सभी प्राणियों की रक्षा करना शामिल है। यह आत्म संयम, क्रोध, मान, माया और लोभ जैसी कषायो को जीतने और सांसारिक विषयों से आसक्ति घटाने की प्रक्रिया है। इस धर्म के पालन से आत्मा को शान्ति और शुद्धता प्राप्त होती है। जो उसे कर्मो के बन्धनों से मुक्त करती है। इस अवसर पर श्रावक श्राविकाये 10, 5, 4, 3, 2, 1 उपवास व्रत कर आत्म साधना कर रहे हैं। 6 उपवास निलेश जैन, 5 उपवास अनिल जैन, नरेन्द्र जैन, निराली जैन, सरोज जैन, बुलबुल जैन, स्नेहलता जैन दो उपवास एक व्रत कर अपनी आत्मा का कल्याण कर रहे हैं।

पिड़ावा : पर्वाधिराज पयुर्षण पर्व के छठे दिन सुगन्ध दशमी का पर्व मनाया
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