फलोदी : लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में दूसरा दशक का प्रयास, सिर्फ सिलाई नहीं, जीना भी सिखाया जाता है – भोमराज सुथार

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फलोदी। दूसरा दशक संस्था द्वारा फलोदी और बाप में आयोजित नि:शुल्क सिलाई प्रशिक्षण शिविरों का संयुक्त समापन शनिवार को फलोदी में हुआ। इन शिविरों में 59 किशोरियों और महिलाओं ने सिलाई की बारीकियां सीखी। शिविरों को वित्तीय सहयोग फलोदी में जेठीदेवी जोगराज शर्मा फाउंडेशन और बाप में श्रीविश्वकर्मा सुथार एकता फाउंडेशन ने दिया। प्रशिक्षिका कुसुम ने बताया कि अब तक दूसरा दशक 9 शिविर आयोजित कर चुका है, जिनसे 200 से अधिक महिलाएं और किशोरियां जुड़ी हैं। इस अवसर पर फाउंडेशन अध्यक्ष डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना समय की जरूरत है और इसके लिए सार्वजनिक कोष की स्थापना की जानी चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता मेघराज कल्ला ने कहा कि प्रेरणा वातावरण से मिलती है और यह पहल फलोदी जिले की अलग पहचान बनाएगी। फाउंडेशन अध्यक्ष भोमराज सुथार ने कहा कि यहां केवल सिलाई नहीं बल्कि लड़कियों को जीना भी सिखाया जाता है। शिविर में जुड़ी महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए। आशा ने कहा कि यहां नया परिवार मिला, भंवरी और शाईना ने बताया कि पहले उन्हें सिलाई का ज्ञान नहीं था पर अब वे ड्रेस बना लेती हैं। बाप से आई अफसाना ने कहा कि यहां से उसका आत्मविश्वास बढ़ा और उसने 10वीं की पढ़ाई फिर से शुरू करने का निर्णय लिया। सुशीला माली ने सुझाव दिया कि सिलाई के साथ-साथ सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण भी होना चाहिए। शिविर के दौरान प्रतिभागियों ने मारवाड़ी ड्रेस, सलवार-कुर्ता, नायरा कट, फ्रॉक, झबला, ब्लाउज, एंकल पैंट, निकर और प्लाजो बनाना सीखा। कार्यक्रम का संचालन प्रीति राठौड़ ने किया तथा परियोजना निदेशक मुरारी लाल थानवी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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