फलौदी दुर्ग महोत्सव 29-30 सितम्बर को, सांस्कृतिक धरोहरों को मिलेगी नई पहचान

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फलौदी। जिला कलक्टर श्वेता चौहान की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला पर्यटन विकास समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण हेतु अहम निर्णय लिए गए। बैठक का मुख्य आकर्षण रहा आगामी फलौदी दुर्ग महोत्सव, जो 29 और 30 सितम्बर को भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा। जिला कलक्टर ने कहा कि यह आयोजन फलौदी को पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने विभागवार दायित्व तय करने और कार्यक्रम को यादगार बनाने के निर्देश दिए।
महोत्सव की खास झलकियां
• राजस्थान की लोकसंस्कृति को प्रदर्शित करने वाले लोकनृत्य और लोकगीतों की प्रस्तुतियां
• हस्तशिल्प एवं लोककला प्रदर्शनी, जिसमें स्थानीय कारीगरों को मिलेगा मौका
• ऐतिहासिक दुर्ग का प्रकाश एवं ध्वनि कार्यक्रम (Light & Sound Show), जो दर्शकों को इतिहास से रूबरू कराएगा
• सांस्कृतिक झांकियां और पर्यटन से जुड़े प्रदर्शन व प्रतियोगिताएं
इसके साथ ही खीचन स्थित कुरजा स्थली की सफाई व सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण पर भी विशेष जोर दिया गया। जिला कलक्टर ने कहा कि जिले की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरें वैश्विक स्तर पर पहचान रखती हैं, इसलिए उनके संरक्षण के लिए विभागों को समन्वित प्रयास करने होंगे।बैठक में दिसंबर माह में कुरजा महोत्सव आयोजित करने का भी निर्णय लिया गयाबैठक में एसीईओ गौतम चौधरी, पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक शरद व्यास सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
कैसे मिले पर्यटक गतिविधि को गति – पर्यटन गतिविधियों को गति मिले इसके लिए जनसभागिता के साथ टूरिस्ट वॉक पुराने शहर फलोदी में जरूरी है। आध्यामिक, फूड और कल्चर का सत्कार हो, होटल व्यवसाई दिसंबर में रियायती पैकेज दे ताकि पर्यटक आकर्षित हो ।- हेमंत थानवी ( सामाजिक कार्यकर्ता, फलोदी में पर्यटन के लिए प्रयासरत।

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