जोधपुर। जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल के निर्देशन में, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. धीरज कुमार सिंह के नवीन प्रयोगों के तहत “महानरेगा समृद्धि मिशन” के अंतर्गत जोधपुर जिले में नवाचार के तहत 500 करोड़ रुपये के पक्के विकास कार्यों को मूर्त रूप दिया जा रहा है। इस अभियान के तहत 627 ग्राम पंचायतों में 3,000 से अधिक विकास कार्य किए जाएंगे, जिससे ग्रामीण विकास को एक नई दिशा मिलेगी।
दिशा की बैठक में हुआ पोस्टर विमोचन
इन नवाचार कार्यों की विस्तृत योजना दिशा (जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति) की बैठक में प्रस्तुत की गई, जहां पोस्टर का विमोचन किया गया। बैठक में जिले में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा की गई और “महानरेगा समृद्धि मिशन” के तहत प्रस्तावित कार्यों को प्राथमिकता देने पर सहमति बनी।
ग्राम पंचायतों में होंगे नवाचार आधारित पक्के विकास कार्य
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. धीरज कुमार सिंह ने बताया कि इस मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में विभिन्न प्रकार के पक्के विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। अब तक 360 ग्राम पंचायतों में 125 करोड़ रुपये के तहत 1,876 कार्य चिन्हित किए जा चुके हैं। इनमें राजकीय विद्यालयों में महिला शिक्षकों एवं कार्मिकों के लिए शौचालय निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे महिला कर्मियों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। साथ ही, राजकीय उच्च माध्यमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बालिकाओं को भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा।
विद्यालय परिसरों को सुरक्षित बनाने और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए चारदीवारी निर्माण किया जाएगा, जिससे विद्यालय परिसरों में अतिक्रमण को रोका जा सकेगा और “हरियालो राजस्थान” अभियान के तहत पौधारोपण एवं पोषण वाटिका की गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसी के तहत मिड-डे मील योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए किचन शेड का निर्माण किया जाएगा, जिससे कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को स्वच्छ और पोषक आहार उपलब्ध कराया जा सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन को सुगम बनाने के लिए सी.सी. ब्लॉक खरंजा निर्माण और ग्रेवल सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों, अस्पतालों, पशु चिकित्सालयों एवं पटवार घरों को मुख्य आबादी से जोड़ा जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में हर मौसम में निर्बाध आवागमन सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा, ग्राम पंचायत के आबादी क्षेत्र के बाहर स्थित राजकीय परिसरों को जोड़ने के लिए ग्रेवल सड़क निर्माण किया जाएगा, जिससे राजस्व गांवों और अन्य आबादी क्षेत्रों को आपस में जोड़ा जा सके।
वर्षा जल संरक्षण के लिए राजकीय परिसरों में वर्षा जल संग्रहण ढांचे (टांका) का निर्माण किया जाएगा, जिससे वर्षा जल को संरक्षित कर उसका उपयोग किया जा सके। इसके तहत, राजकीय भवनों की छतों से वर्षा जल एकत्रित कर उसे 110 मिमी पीवीसी पाइप के माध्यम से बनाए गए टांके से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, खाद्यान्न भंडारण केंद्रों का भी निर्माण किया जा रहा है, जिससे किसानों को अपनी उपज के भंडारण एवं उचित मूल्य पर विपणन की सुविधा मिलेगी। इससे विशेष रूप से आलू, प्याज और टमाटर जैसी फसलों के भंडारण में सहायता मिलेगी, जिससे किसानों को अपनी फसलों का बेहतर मूल्य प्राप्त हो सके।
ग्रामीण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर पुस्तकालयों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को अध्ययन की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। अब तक 43 ग्राम पंचायतों में पुस्तकालयों का निर्माण कर संचालन शुरू कर दिया गया है और भविष्य में सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर पुस्तकालय निर्माण की योजना है। इसके लिए अनुपयोगी राजकीय भवनों का जीर्णोद्धार कर उन्हें पुस्तकालय के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण छात्रों को अध्ययन के लिए बेहतर माहौल मिल सके।
इन सभी कार्यों में महानरेगा और ग्राम पंचायत की अन्य योजनाओं का समन्वय किया जाएगा। इस योजना के तहत 75% राशि महानरेगा योजना से एवं 25% राशि ग्राम पंचायत की अन्य योजनाओं से वहन की जाएगी। सभी कार्यस्थलों पर नागरिक सूचना बोर्ड (CIB) लगाए जाएंगे, जिन पर कार्य से संबंधित पूरी जानकारी अंकित होगी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. धीरज कुमार सिंह ने बताया कि “महानरेगा समृद्धि मिशन” के तहत किए जा रहे ये नवाचार ग्रामीण विकास की दिशा में एक सशक्त पहल है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को मजबूत किया जा सकेगा और आमजन को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा।



