कम आमदनी वालों को नहीं मिलेगा ब्रिटेन का वीजा, आय सीमा में की गई रिकॉर्ड बढ़ोतरी

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ब्रिटेन की सरकार ने वीजा नियमों में बदलाव कर इसमें सख्ती लागू की है। सरकार की इन नियमों के बाद इस जहां रहने वाले लोगों को परेशानी हो सकती है। ब्रिटेन में नागरिक और निवासी पारिवारिक वीजा पर अपने रिश्तेदारों को ब्रिटेन में बुलाते हैं उनके लिए यह खबर ज्यादा अहम है।
नए नियमों के मुताबिक सरकार ने न्यूनतम आयु सीमा 55% बढ़ा दी है जिसके बाद सिर्फ इस आय सीमा में आने वाले लोग अपने रिश्तेदारों को ब्रिटेन में बुला सकेंगे। नए नियम 4 अप्रैल को लागू हुए है। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की आवेदन स्टार में कमी लाने की योजना के तहत यह अहम फैसला लिया गया है जिसका असर भारतीयों पर भी सीधे तौर पर पड़ेगा।

इतनी बढ़ाई गई आय सीमा

रिश्तेदारों को पारिवारिक वीजा पर ब्रिटेन बुलाने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक है। नए नियमों के मुताबिक ऐसे लोगों की अब न्यूनतम वार्षिक आय 29000 पाउंड होनी चाहिए जबकि पहले यह सीमा 18600 पाउंड थी। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में यह सीमा एक बार फिर से बढ़ाई जा सकती है जिसके बाद 38700 पाउंड वार्षिक आय कमाने वाले लोग ही ब्रिटेन में अपने रिश्तेदारों को बुला सकेंगे।

इनपर नहीं होगा असर

हालांकि इस फैसले के लागू होने के कुछ अपवाद हैं। कुछ नौकरियों जैसे स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल और राष्ट्रीय वेतनमान पर शिक्षकों के लिए बढ़ी हुई वेतन सीमा की आवश्यकता नहीं है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, “कमी व्यवसाय सूची” के अंतर्गत आने वाली स्वास्थ्य और देखभाल श्रमिकों, फार्मासिस्टों, ग्राफिक डिजाइनरों, निर्माण श्रमिकों और पशु चिकित्सकों सहित नौकरियों में कम वेतन सीमा होती है। लेकिन विदेशी देखभाल कर्मी अपने साथ परिवार के आश्रितों को नहीं ला सकते।

ये है चुनावी मुद्दा

इस वर्ष ब्रिटेन में आम चुनाव होने हैं जिससे पहले आवेदन प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक बना हुआ है। चुनाव को लेकर सर्वे में भी यह सामने आया है की सनक की पार्टी कंजरवेटिव को हार का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में ऋषि सुनक अपनी पार्टी को बचाने के लिए लगातार कई तरह के पात्र अपना रहे हैं इसी के तहत यह फैसला भी किया गया है।

इस मामले पर ब्रिटेन की सरकार का कहना है कि अवैध प्रवासन को कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है ताकि स्थानीय करदाताओं पर बाहर से आने वाले लोगों का बोझ ना हो। सरकार का कहना है कि ब्रिटेन में प्रवास होने की स्थिति चरम पर पहुंच चुकी है। इस फैसले के कारण प्रवास में कटौती करने, ब्रिटिश श्रमिकों और उनकी वेतन की रक्षा करने और ब्रिटेन के करदाताओं पर बाहर से आने वाले लोगों का बोझ नहीं पड़े यह सुनिश्चित किया गया है। जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन में 7.45 लाख लोग रहते है, जिनकी संख्या 3 लाख करना उद्देश्य है।

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