विधिक सेवा दिवस के उपलक्ष में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन

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पाली। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के तत्वाधान तथा विक्रम सिंह भाटी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला न्यायाधीश) पाली के निर्देशन में क विधिक सेवा दिवस के अवसर पर मानसिंह आशिया चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसलर पाली द्वारा जिला कारागृह, पाली में शनिवार को विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
विधिक जागरूकता शिविर में मानसिंह आशिया ने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 को अपनाने के उपलक्ष्य में भारत में प्रतिवर्ष 09 नवम्बर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस मनाया जाता है। जिसे आधिकारिक तौर पर 1995 में इसी दिन अधिनियमित किया गया था। तब से भारत में विधिक सेवा दिवस लगातार मनाया जाता रहा है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य समाज के गरीब और कमजोर वर्गां को सहायता और समर्थन प्रदान करना है। सभी नागरिकों के लिए उचित निष्पक्ष और न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने हेतु जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य देश के हर नागरिक को न्यायिक प्रणाली की समान और सस्ती सेवाएं देना है। इसके साथ ही श्री मानसिंह आशिया द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण के आयाम का परिचय देते हुए बंदियों के कानूनी अधिकार, नशे के दुष्प्रभाव, निःशुल्क विधिक सहायता एवं इसकी पात्रता, कन्या भू्रण हत्या, कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम, नासला मॉड्यूल फॉर सीनियर सिटिजन के तहत वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार तथा परिवार में उनकी भूमिका, नालसा पोर्टल व हेल्पलाइन नम्बर 15100, दहेज प्रथा, बालिका शिक्षा, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, पीड़ित प्रतिकर स्कीम एवं इसकी पात्रता, नालसा एवं रालसा द्वारा जारी विभिन्न प्रकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। साथ ही नशे के दुष्प्रभाव के बारे में बताते हुए कहा कि नशाखोरी एक सामाजिक अभिषाप हैं। व्यक्ति नशे का आदि होकर न केवल सामाजिक, मानसिक और आर्थिक रूप से कमजोर होता हैं, बल्कि अपराध की ओर भी अग्रसर होता हैं, जिसका खामियाजा उसके साथ साथ उसके परिवार को भी भुगतना पडता हैं। नशे को दूर करने के प्रयास किये जाने चाहिए, जिससे कि हमारी आने वाली पीढी को नशे के जाल से बचाया जा सके। श्री मानसिंह आशिया ने बंदियों से अपील की कि जब भी वे कारागृह से जाये नशे से दूर रहें तथा अपराध की राह छोडकर समाज की मुख्य धारा से जुड़े। साथ ही बंदियों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए अपने बच्चों को बाल विवाह से दूर रखने तथा खेल, व्यायाम, योग आदि को जीवन का अभिन्न अंग बनाने का आह्वान किया।
शिविर में मानसिंह आशिया चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसलर पाली, जोराराम कारापाल जिला कारागृह पाली, स वैशाली व्यास सहायक चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसलर एवं बंदीगण उपस्थित रहें।

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