संसद में आज भी जारी रहा विपक्ष का हंगामा

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लोकसभा और राज्यसभा को कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। आज शीतकालीन सत्र का एक और दिन ऐसा था जहां कोई बड़ा कामकाज नहीं हुआ। विपक्षी सांसद संभल हिंसा और अमेरिका द्वारा गौतम अडानी को दोषी ठहराए जाने पर बहस की मांग करते रहे। विदेश मंत्री एस जयशंकर से पहले भारत-चीन सीमा समझौते पर लोकसभा में बयान देने की उम्मीद थी। हालांकि, यह नहीं हो सका। विपक्ष और सत्तापक्ष संसद नहीं चलने को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि विपक्ष को लोकतंत्र में भरोसा नहीं है।

आखिर संसद बना किस लिए है? समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि चर्चा हो। हम चर्चा की मांग करते रहेंगे क्योंकि सदन इसी के लिए होता है।विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक सोमवार को एक बार के स्थगन के बाद पुन: शुरू होने के करीब आठ मिनट के अंदर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर जैसे ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य पिछले सप्ताह की तरह ही आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस सदस्य अदाणी समूह से जुड़े मामले को उठा रहे थे, वहीं सपा सांसद संभल हिंसा का मुद्दा उठाते देखे गए।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की। हंगामे के बीच ही कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिए। बिरला ने इस दौरान नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘प्रश्नकाल आपका समय है। कृपया प्रश्नकाल चलने दें और अपनी-अपनी सीट पर विराजें।’’ बिरला के बार-बार अपील करने के बाद भी आसन के समीप खड़े कांग्रेस और सपा सांसदों की नारेबाजी जारी रही।

तटीय व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य वाला एक विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच विधेयक पेश किया। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों के सदस्य अदाणी समूह से जुड़े मुद्दे और संभल हिंसा से संबंधित मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहे थे और नारेबाजी कर रहे थे।

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