काठमांडू। नेपाल में राजनीतिक सत्ता के लिए चल रही उठापटक अब तेज हो चली है। अपनी सरकार को बचाने के लिए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड शुक्रवार को बहुमत परीक्षण से गुजरेंगे। इस परीक्षण में प्रचंड के लिए विश्वास मत हासिल करना चुनौती है। वहीं बहुमत परीक्षण से पहले एक मुलाकात के दौरान नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और सीपीएन यूएमएल के केपी शर्मा ओली ने नई गठबंधन सरकार के गठन को लेकर चर्चा की। इसमें तय किया गया कि संसद के तीन साल के कार्यकाल में दोनों दलों के नेता डेढ़-डेढ़ साल के लिए प्रधानमंत्री बनेंगे। इसमें पहले चरण में केपी शर्मा ओली प्रधानमंत्री बनेंगे। माना जा रहा है कि रविवार तक नई सरकार का गठन हो जाएगा।
पिछले हफ्ते सरकार में सबसे बड़े दल सीपीएन यूएमएल ने नेपाली कांग्रेस के साथ सत्ता साझाकरण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद प्रचंड की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके साथ ही सरकार की सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी सीपीएन यूएमएल के आठ कैबिनेट मंत्रियों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सीपीएन यूएमएल ने प्रचंड के इस्तीफे की मांग की थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने पद छोड़ने से इंकार करते हुए संसद में विश्वास मत का सामना करना की बात कही। प्रचंड विश्वास मत का सामना करने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन यह उनके लिए समर्थन जुटाना बड़ी चुनौती है।