चेन्नई। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को IIT मद्रास में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के समय केंद्र सरकार ने सेना को पूरी तरह फ्रीहैंड दिया था। इस अभियान को उन्होंने “चेस का खेल” बताया, जिसमें न भारत को और न ही दुश्मन को यह पता था कि अगला कदम क्या होगा। उन्होंने कहा, “हम शतरंज की चालें चल रहे थे और दुश्मन भी। कभी हम उन्हें शह और मात दे रहे थे, तो कभी जोखिम उठाकर पीछे हटना पड़ रहा था। यही जिंदगी है—जीत, हार और लगातार बदलते हालात।”
जनरल द्विवेदी ने इसे ग्रे जोन ऑपरेशन करार दिया—ऐसा अभियान जो पारंपरिक युद्ध पद्धति से अलग, खुफिया आधारित और लचीली रणनीतियों पर आधारित होता है।
25 अप्रैल को प्लानिंग, 29 अप्रैल को पीएम से मुलाकात
उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल को उत्तरी कमान के दौरे के दौरान ऑपरेशन की योजना बनाई गई, जिसमें 9 में से 7 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया और कई आतंकियों को ढेर किया गया। 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात हुई।“ऑपरेशन सिंदूर” नाम ने पूरे देश में एकता और उत्साह जगाया। यही वजह थी कि लोग पूछ रहे थे—‘आपने इसे क्यों रोका?’ और इसका जवाब भी हमने दिया,” उन्होंने कहा।
‘अग्निशोध’ का शुभारंभ — सेना के लिए तकनीकी छलांग
कार्यक्रम में ‘अग्निशोध’—इंडियन आर्मी रिसर्च सेल (IARC) का भी शुभारंभ किया गया। यह रक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य सेना को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, साइबर सिक्योरिटी, क्वांटम कंप्यूटिंग, वायरलेस कम्युनिकेशन और अनमैन्ड सिस्टम जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में दक्ष बनाना है, ताकि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक उच्च-तकनीकी बल तैयार हो सके।

ऑपरेशन सिंदूर : सरकार ने दिया फ्रीहैंड, आर्मी चीफ बोले—हम चेस खेल रहे थे, अगली चाल किसी को नहीं पता थी
ram