‘कन्नड़ नहीं तो बिजनेस नहीं’, भाषा विवाद के बीच कर्नाटक सरकार का आदेश

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कन्नड़ भाषा को बढ़ावा देने और इसके व्यापक उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए, कर्नाटक सरकार ने एक निर्देश जारी किया है कि राज्य में निर्मित सभी औद्योगिक और उपभोक्ता उत्पादों को अन्य भाषाओं के साथ-साथ कन्नड़ में अपने नाम और उपयोग निर्देश प्रदर्शित करने होंगे। फरवरी में जारी एक सर्कुलर में सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि यह निर्देश सार्वजनिक औ निजी दोनों क्षेत्र के निर्माताओं पर लागू होता है। परिपत्र में भूमि की संस्कृति, परंपरा और मूल्यों को प्रतिबिंबित करने में भाषा के महत्व पर जोर दिया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, सर्कुलर में कहा गया है कि इसके द्वारा निर्देशित किया जाता है कि राज्य के भीतर सरकारी और निजी क्षेत्रों में निर्मित सभी औद्योगिक और उपभोक्ता उत्पादों पर अन्य भाषाओं के साथ-साथ कन्नड़ में नाम और उपयोग के निर्देश अनिवार्य रूप से मुद्रित होने चाहिए। इस निर्देश का कार्यान्वयन कन्नड़ भाषा व्यापक विकास अधिनियम, 2022 की धारा 9 के तहत नामित अधिकारियों के दायरे में आता है। इन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि सभी निर्माता दिशानिर्देशों का पालन करें।

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